प्रधानमंत्री के दामन पर कोयले का 'दाग'

प्रधानमंत्री के दामन पर कोयले का दाग
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$img_titleनई दिल्‍ली। संसद में शुक्रवार को रखी गई सीएजी की रिपोर्ट ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत पूरी सरकार को मुसीबत में डाल दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोयले खदानों की सही तरह नीलामी नहीं होने से देश को 1.86 लाख करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। यह देश के आम लोगों का पैसा था।जिस वक्‍त यह 'घपला', उस वक्‍त कोयला मंत्रालय प्रधानमंत्री के पास ही था। यह वर्ष 2005 से 2009 का वक्‍त था। कोयला खदानों के ठेके को लेकर भाजपा यूपीए सरकार पर घोटाले के संगीन आरोप लगाती रही है।जैसे ही संसद के पटल पर सीएजी की रिपोर्ट रखी गई, भाजपा समेत कई दलों के सांसदों ने जमकर हंगामा किया। कोयला खदानों पर सीएजी की रिपोर्ट में सीधे तौर पर कहा गया है कि सरकार के एक कदम से देश को एक लाख 86 हजार करोड़ की चपत लगी है।हालांकि, यह रिपोर्ट काफी पहले ही मीडिया में लीक हो गई थी। जिसमें माना गया है कि कोयला खदानें बांटने में 2-जी स्पेक्ट्रम से भी बड़ा घोटाला हुआ है। कोयला खदानों के इस घोटाले की कालिख सिर्फ सरकार पर ही नहीं बल्कि प्रधानमंत्री पर लग रही है।
टीम अन्‍ना ने भी इस घोटाले के लिए सीधे तौर पर प्रधानमंत्री को जिम्‍मेदार माना था। टीम अन्‍ना के आरोपों पर प्रधानमंत्री कह चुके हैं कि जिस दिन उन पर आरोप साबित हो गया, वह इस्‍तीफा दे देंगे।.

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