आय से अधिक संपत्ति मामले में मायावती को राहत

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती को आय से अधिक संपत्ति मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दे दी। यूपी में सत्ता से बेदखल होने के बाद माया के लिए यह फैसला काफी अहम था। उन पर आय से अधिक संपत्ति मामले में 1995 में सीबीआई ने जांच शुरू की थी। जिसके बाद उन पर सितंबर 2003 में आपराधिक मामला दर्ज किया गया था। माया ने अदालत का रुख किया था और कहा था कि सीबीआई राजनीतिक ताकतों के इशारे पर उनके खिलाफ यह जांच कर रही है। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई को इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की जरूरत नहीं थी। कोर्ट ने माया के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद कर दिया। सीबीआई ने कहा था कि उसके पास मायावती के खिलाफ पुख्ता सुबूत हैं। इस केस के दौरान सीबीआई बार-बार यह तर्क देती रही है कि 2003 में मायावती के पास एक करोड़ रुपये की कुल संपत्ति थी, जो 2007 में 50 करोड़ रुपये में तब्दील हो गई। सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर और जांच के खिलाफ माया ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी, जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था, जो शुक्रवार को सुनाया गया। कोर्ट ने कहा कि कोर्ट के द्वारा यह कभी नहीं कहा गया था कि माया के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो। मायावती ने अर्जी में सफाई देते हुए कहा था कि उनके पास आय के ज्ञात स्त्रोत से अधिक संपत्ति नहीं है और जो है वह कार्यकताओं के पैसे और चंदे से जोड़ी गई है। कोर्ट के फैसले के बाद मायावती को सीबीआई के शिकंजे से फौरी तौर पर मुक्ति मिल गई है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले सीबीआई ने जो दलील दी है, वह गैरवाजिब है। सीबीआई ने उसके पूर्व निर्देश को समझने में गलती की।