आंदोलन पड़ा फीका, संघ की भूमिका न होने से पड़ रहा है असर

आंदोलन पड़ा फीका, संघ की भूमिका न होने से पड़ रहा है असर
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$img_titleनई दिल्ली । देश में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्षरत टीम अन्ना के आंदोलन से लोगों का मोह भंग होता दिख रहा है। दिल्ली के जंतर-मंतर पर टीम अन्ना के चल रहे धरना-प्रदर्शन में न ही लोगों का हुजूम दिख रहा है न ही पहले जैसा उत्साह। अनशन स्थल पर जितनी आम जनता दिख रही है उससे अधिक व्यवस्था में लगे पुलिस और अन्ना के वालेंटियर दिख रहे हैं।कहा यह भी जा रहा है कि इस बार अनशन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका न होने से इसपर असर पड़ रहा है। जबकि इससे पहले रामलीला मैदान में टीम अन्ना के अनशन को संघ का पूरा समर्थन मिला था औऱ लोगों के हुजूंम से मैदान पूरा भरा पड़ा था। लेकिन उस समय टीम अन्ना के सदस्य इस बात को मानने के लिए तैयार ही नहीं दिख रहे थे। सार्वजनिक मंचों से संघ को श्रेय न लेने की बात कहकर टीम अन्ना ने वाहवाही तो लूटी लेकिन उसके तुरंत बाद इसका खामियाजा उन्हें मुंबई में हुए प्रदर्शन में भुगतना पड़ा। जहां टीम अन्ना का आंदोलन पूरी तरह फ्लाप रहा। अब ऐसा ही कुछ नजारा जंतर-मंतर पर भी दिख रहा है।टीम अन्ना ने जनलोकपाल बिल की मांग को लेकर बुधवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन शुरू किया। आज धरना प्रदर्शन का दूसरा दिन है। अनशन स्थल पर भीड़ बिल्कुल नहीं दिख रही। जबकि टीम अन्ना को विश्वास है कि वीकेंड में लोगों का हुजूम समर्थन में उमड़ेगा। उधर, बाबा रामदेव ने भी तय कार्यक्रम में बदलाव करते हुए गुरुवार को अनशन में शामिल होने का फैसला टाल दिया है।टीम अन्ना के अहम सदस्य अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और गोपाल राय अनशन पर पहले दिन से ही बैठे हैं। प्रसिद्ध गांधीवादी अन्ना हजारे अनशन स्थल पर तो आए लेकिन उन्होंने चार दिन बाद खुद अनशन पर बैठने की बात कही है।

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