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ज्योतिर्गमय

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मूल्यों से ही मिलती है जीवन को शक्ति

आध्यात्मिकता ही सही अर्थों में जाति, वर्ण, धर्म और राundefinedष्ट्रीयता की सीमाओं को तोड़ सकती है। आत्मविश्वास, सहयोग, श्रद्धा और ज्ञान ये मूल्य हैं जो जीवन-शक्ति देते हैं। ये मूल्य आत्मा से ही प्राप्त होते हैं।
इसी क्षण जाग कर देखो कि आप कौन हैं? क्या आप अपने आप को अपनी दिखावट के आधार पर, या जो काम आप करते हैं; उसके आधार पर या लोगों के साथ जो संबंध है, उसके आधार पर अपना परिचय दोगे? आप अपने शरीर से कहीं ज्यादा हैं, अपने विचारों और भावों से कहीं ज्यादा हैं। ये सब कुछ बदल रहा है लेकिन आप वे हैं जो बदल नहीं रहा है, जो शांत है. आप अनंत आत्मा हैं। आत्मा की प्रकृति क्या है? आत्मा अनुभव करती है और मूल्यों को बताती है।
अनुभव और भावनाओं का मूल्य समझ में आता है लेकिन उन्हें शब्दों में न तो व्यक्त किया जा सकता है और न ही समझा जा सकता है. वे मूल्य जो जीवन शक्ति देते हैं, वे हैं-आत्मविश्वास, सहयोग, श्रद्धा और ज्ञान। ये मूल्य आत्मा से ही प्राप्त होते हैं।
प्रसन्नता चेतना का गुण
हम सोचते हैं कि हम भौतिक पदार्थ में सुविधा प्राप्त कर सकते हैं लेकिन हमारे अनुभव में यह भी है कि मात्र भौतिकता ही पूर्ण भी नहीं है। प्रसन्नता चेतना का गुण है। यह भौतिक पदार्थ पर निर्भर तो है लेकिन यह एक डिग्री के बाद समझ पर निर्भर करती है। जैसे ही हम आत्मिक मूल्यों को जीते हैं जीवन अपनी प्रचुरता को प्राप्त हो जाता है. इनके बिना तो जीवन बहुत ही हल्का है और हम अप्रसन्नता को अनुभव करते हैं।
यह आत्मा का धर्म है कि यह जीवन का थामे रहती है. आध्यात्मिक मूल्यों को जीने से आपका व्यक्तित्व शक्तिशाली होता है. आध्यात्मिक जीवन का समाज पर क्या प्रभाव होता है? यह अपनेपन का भाव, जिम्मेदारी, करुणा और विश्व की देखभाल का भाव लाती है, पूरी मानव जाति के लिये सोच देती है। आध्यात्मिकता ही सही अर्थों में जाति, वर्ण, धर्म और राष्ट्रीयता की सीमाओं को तोड़ सकती है और हमें बताती है कि जीवन सब जगह व्याप्त है।


Updated : 10 July 2012 12:00 AM GMT
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