जर्मन बेकरी धमाकों के आरोपी की जेल में हत्या
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मुंबई। इंडियन मुजाहिदीन के सदस्य कतील मुहम्मद जफर सिद्दीकी की शुक्रवार को पुणे की यरवदा जेल में गला घोंटकर हत्या कर दी गई। शुरुआती तौर पर यह हत्या जेल के अंदर दो विरोधी गुटों की आपसी रंजिश का नतीजा बताई जा रही है। कतील कई आतंकी वारदातों का आरोपी था। महाराष्ट्र सरकार ने हत्या की जांच सीआइडी को सौंप दी है। जेल अधीक्षक एसवी खटावकर को निलंबित कर दिया गया है। बिहार के दरभंगा में रहने वाले कतील के पिता मुहम्मद जफर ने अंतिम संस्कार के लिए बेटे के शव की मांग की है। उन्होंने पूरे मामले की सीबीआइ जांच का आग्रह किया है।
कतील को दिल्ली पुलिस ने नवंबर, 2011 में बेंगलूर के चिन्नास्वामी स्टेडियम विस्फोट मामले में गिरफ्तार किया था। बाद में महाराष्ट्र एटीएस ने उसे पुणे के जर्मन बेकरी विस्फोट मामले में हिरासत में लिया था। एटीएस के अनुसार कतील जर्मन बेकरी विस्फोट के दिन ही पुणे के श्रीमंत दगड़ू सेठ हलवाई गणपति मंदिर परिसर में भी विस्फोट करने गया था। एक सतर्क फूल विक्रेता ने उसे संदेहजनक स्थिति में देखकर जब उससे पूछताछ शुरू की तो वह विस्फोटकों से भरा बैग लेकर वहां से चला गया था।
खटावकर के अनुसार कतील को यरवदा जेल की अतिसुरक्षित अंडा सेल में रखा गया था। उसकी हिरासत अवधि खत्म हो रही थी, इसलिए उसे जल्द ही दिल्ली वापस भेजा जाना था, लेकिन शुक्रवार सुबह वह अपनी कोठरी में मृत पाया गया। बताया जाता है कि यरवदा जेल में ही बंद दो स्थानीय गैंगस्टर शरद मोहोल और आलोक भालेराव ने पाजामे के नाड़े से गला घोंटकर कतील की हत्या कर दी। महाराष्ट्र के गृह मंत्री आरआर पाटिल ने अतिसुरक्षित जेल में हुई इस हत्या की सीआइडी जांच के आदेश दे दिए हैं। संवेदनशील कैदियों वाली राज्य की अन्य जेलों में भी सुरक्षा की समीक्षा की जा रही है।