नेपाल में पांच प्रमुख दलों ने पीएम से मांगा इस्तीफा

काठमांडू। नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल समेत नेपाल के पांच प्रमुख राजनीतिक दलों ने प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई के इस्तीफे की मांग की है। इन दलों का कहना है कि भट्टराई का नए चुनाव कराने का एकतरफा प्रयास असंवैधानिक है। पांच दलों की संयुक्त घोषणा में कहा गया है कि संविधान सभा को भंग कर नए चुनाव कराने के प्रधानमंत्री के एकतरफा प्रयास से नेपाल की जनता को निराशा हुई है। यह प्रधानमंत्री द्वारा सत्ता पर पकड़ बनाने का प्रयास है। इससे आम लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन हो रहा है।'

बयान पर नेपाली कांग्रेस के उपाध्यक्ष रामचंद्र पौडयाल, सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष झलनाथ खनाल, राष्ट्रीय जनता पार्टी के नेता, मधेशी पीपुल्स राइट्स फोरम नेपाल के अध्यक्ष उपेंद्र यादव और मधेशी पीपुल्स राइट्स फोरम डेमोक्रेटिक के नेता शरद सिंह भंडारी ने हस्ताक्षर किए हैं। इन नेताओं ने प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग की है ताकि देश के मौजूदा राजनीतिक संकट को टालने के तरीकों पर विचार किया जा सके। भट्टराई ने रविवार सुबह राष्ट्रपति रामबरन यादव से मुलाकात कर कहा था कि गतिरोध समाप्त करने के लिए संविधान के मसौदे को अंतिम रूप दिया जाए, लेकिन ऐसा हो नहीं सका।

संविधान निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट से संविधान सभा को मिली समयसीमा रविवार मध्यरात्रि को खत्म हो गई। नए संविधान के मसौदे को लेकर राजनीतिक दल सहमत नहीं हो पाए। बाबूराम भंट्टराई के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने रविवार देर रात आपात बैठक के बाद राष्ट्रपति राम बरन यादव से संविधान सभा [नेपाल की संसद] को भंग करने की सिफारिश कर दी। नई संविधान सभा के गठन के लिए अब 22 नवंबर को चुनाव होगा।

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