नूपुर तलवार को जाना पड़ा जेल
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गाजियाबाद। सीबीआई की विशेष अदालत ने सोमवार को आरुषि-हेमराज हत्याकांड की आरोपी डॉ. नूपुर तलवार की अंतरिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी। गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद सीबीआई को झांसा देकर राहत के लिए हाई कोर्ट-सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाली मृतका आरुषि की मां और दंत चिकित्सक डॉ. नूपुर को डासना जेल भेज दिया गया, जहां बैरक नंबर 13 उनका आशियाना होगा। हालांकि उनके वकील ने नियमित जमानत की अर्जी दाखिल की लेकिन उस पर मंगलवार को सुनवाई होगी। ऐसे में नूपुर को कम से कम एक रात तो जेल में काटनी ही होगी। हत्याकांड में आरोपी उनके पति राजेश तलवार पहले ही 50 दिन जेल में बिता चुके हैं और इस समय जमानत पर बाहर हैं।
नूपुर सुबह क रीब सवा दस बजे अपने पति और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ सीबीआई की विशेष अदालत पहुंची और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के तहत अपने अधिवक्ता विजयपाल राठी के माध्यम से न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रीति सिंह के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। साथ ही उन्होंने जमानत अर्जी पेश कर की। अदालत ने फैसला सुरक्षित रखने के बाद दोपहर 12.30 बजे जमानत अर्जी खारिज कर दी तो नूपुर के वकील ने जिला जज भारत भूषण की अदालत में जमानत अर्जी दाखिल की, जिसे सीबीआई के विशेष न्यायाधीश श्याम लाल की अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया। वहां, करीब पौने तीन बजे सुनवाई शुरू हुई।
डॉ. नूपुर की ओर से चार अधिवक्ता हाजिर हुए और उन्होंने अपने मुवक्किल के लिए अंतरिम जमानत मांगी। तर्क दिया कि नियमित जमानत की सुनवाई व निर्णय होने तक उन्हें अंतरिम जमानत पर छोड़ा जाए। चूंकि सुनवाई और निर्णय में समय लग सकता है और तब तक अनावश्यक रूप से डॉ. नूपुर का जेल जाना न्यायोचित नहीं होगा। उनकी 14 वर्षीय बेटी की हत्या हुई है और वह पीड़ित हैं, लेकिन उन्हें आरोपी बना दिया गया है।
इस पर हेमराज के अधिवक्ता एफसी शर्मा ने कहा कि इस मामले में केवल आरुषि की ही हत्या नहीं हुई, बल्कि हेमराज की भी हत्या हुई है, इसलिए वह दोनों ही मामलों में आरोपी हैं। सीबीआई के अधिवक्ता आरके सैनी व बीके सिंह ने कहा कि डॉ. नूपुर ने अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आत्मसमर्पण किया है, जबकि निचली अदालत से जमानती वारंट, गैर जमानती वारंट पर उन्होंने अदालत में पेश होना गवारा नहीं किया बल्कि हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट चली गईं। इसलिए अंतरिम जमानत नहीं दी जानी चाहिए।
सीबीआई ने नियमित जमानत पर बहस करने के लिए तीन दिन का समय भी मांगा। सुनवाई के बाद अदालत ने शाम 4.30 बजे अपना फैसला सुनाया और डॉ. नूपुर तलवार की अंतरिम जमानत की अर्जी खारिज करते हुए नियमित जमानत पर सुनवाई के लिए एक मई की तारीख निश्चित कर दी।