देश की अर्थव्यवस्था मजबूत है
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नई दिल्ली। पिछली तारीख से कर कानून में प्रस्तावित बदलाव से देश की अर्थव्यवस्था को लेकर किसी तरह की चिंताजनक स्थिति पैदा नहीं होगी। वाणिज्य व उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने इस बदलाव को लेकर जताई जा रही आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत है। देश में विदेशी निवेश का प्रवाह बना रहेगा। सामान्य कर परिवर्जन निवारण नियम [गार] निवेश पर खास असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि निवेश और कराधान दो अलग-अलग मुद्दे हैं।
वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने वर्ष 2012-13 के बजट में विदेशी निवेशकों की कर अपवंचना को रोकने के लिए गार लागू करने का प्रस्ताव किया है। संस्थागत निवेशकों ने इस प्रस्ताव की आलोचना की है। उनका मानना है कि इससे देश में निवेश प्रभावित होगा।
शर्मा ने देश में एफडीआइ आकर्षित करने के लिए सरकार द्वारा की जा रही पहल का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ कदम जो क्रियान्वयन के स्तर पर हैं, उनमें दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा [डीएमआइसी] और राष्ट्रीय विनिर्माण निवेश क्षेत्र [एनएमआइजेड] शामिल हैं। इसको लेकर हमारे विदेशी भागीदारों की रुचि बनी हुई है। वैसे, वैश्विक संकट का कुछ असर होगा, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था इतनी मजबूत है कि वह इसे झेल सकती है।
देश की अर्थव्यवस्था यूरो संकट और तेल की ऊंची कीमतों से प्रभावित होते हैं। इससे निर्यात और आयात पर असर पड़ता है। इससे चालू खाता प्रभावित होता है। देश के कुल 489 अरब डॉलर के आयात में 44 फीसद हिस्सा कच्चे तेल और सोने का है। इससे वित्ता वर्ष 2011-12 में व्यापार घाटा अब तक के ऊंचे स्तर 185 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।