राम सेतु मुद्दे पर सरकार को मिली मोहलत
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नई दिल्ली। पौराणिक रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने के फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को और समय दे दिया है।
दरअसल, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा देने या न देने के मुद्दे पर फैसले के लिए उसे और वक्त की जरूरत है। न्यायमूर्ति एचएल दत्तु की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने पेश होकर अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल [एएसजी] हरेन रावल ने कहा कि इस मुद्दे पर सक्षम अधिकारी के साथ मशविरे की जरूरत है।
उन्होंने इस मामले में हलफनामा दायर करने के लिए और वक्त दिए जाने की माग की। इस पर केंद्र सरकार को दो हफ्ते की मोहलत देते हुए पीठ ने कहा कि ऐसा करना है या नहीं इस पर फैसला करें। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 19 अप्रैल को करने का फैसला किया है।
पीठ जनता पार्टी अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसमें रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किए जाने को लेकर न्यायालय के निर्देश की माग की गई है।
इससे पहले पीठ ने 27 मार्च को सरकार को निर्देश दिया था कि वह अपने फैसले की बाबत दो दिन के भीतर हलफनामा दायर करे। पीठ ने कहा कि यदि आप कहते हैं कि आप जवाबी हलफनामा दायर नहीं करना चाहते तो हम मामले में बहस शुरू करा सकते हैं।
गौरतलब है कि रामसेतु से जुड़ा मामला उस वक्त न्यायिक निगरानी के दायरे में आया जब सुप्रीम कोर्ट में इससे जुड़ी कई याचिकाएं दायर की गईं। याचिकाओं में महत्वाकाक्षी सेतुसमुद्रम परियोजना को चुनौती दी गई थी। इस परियोजना के बारे में आरोप लगाए गए कि इससे पौराणिक रामसेतु को नुकसान हो सकता है।