आचार्य महामंडलेश्वर से एक हजार श्रद्धालुओं ने ली दीक्षा

ग्वालियर.जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज का दीक्षा संस्कार मंगलवार को सुबह साढ़े दस बजे फूलबाग स्थित कथा स्थल पर रखा गया । इसके लिए विशेष पंडाल बनाया गया था।
महाराजश्री के दीक्षा संस्कार में आने वालों की भीड़ को देखते हुए विशेष प्रबंध किये गये थे। दीक्षा लेने वालों से पहले फार्म भरवाये गये। उसके बाद उन्हें एक विशेष पंडाल में महाराजश्री ने गुरुमंत्र देकर अपना शिष्य बनाया। मंशापूर्ण हनुमान मंदिर के महंत पं. गोपाल दुबे ने बताया कि आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि से एक हजार लोगों ने एक साथ दीक्षा ली। गुरु दीक्षा लेने वालों में हर उम्र के लोग थे।

बंदी सीख रहे हैं श्रीराम के आदर्शों का अनुसरण करना
ग्वालियर. केंद्रीय जेल ग्वालियर में संत गोपाल महाराज बंदियों को श्रीराम कथा सुनाकर भगवान राम के आदर्शों पर चलने की प्रेरणा दे रहे हैं। संतश्री का कहना है कि यदि बंदी श्रीरा के आदर्शों का अनुसरण करें तो उनका जीवन धन्य हो जाएगा।
संत गोपाल महाराज ने मंगलवार को केंद्रीय जेल में शिव विवाह की कथा विस्तार से सुनाई। उन्होंने बताया कि जेल में तन बंदी होता है मन नहीं। मनुष्य को सदैव अपने कल्याण के लिए मन को नियंत्रित करना चाहिए। व्यक्ति को व्यक्तिगत मत से दूर रहकर सिद्धांत को स्वीकार करना चाहिए।
सिद्धांत यह है कि जो चीज शास्त्रों ने वर्णन की है वह सत्य है। उसका अनुसरण करना चाहिए। उन्होंने बताया कि शास्त्र कहता है शरीर मैं नहीं हूं, इसलिए शरीर का अभिमान नहीं होना चाहिए। शरीर मेरा नहीं है इसलिए इसको सुख पहुंचाने के लिए दूसरों को दुख नहीं देना चाहिए। शरीर मेरे लिए नहीं है इसलिए आलसी बनकर जीना ठीक नहीं है। यदि मनुष्य शरीर के साथ कोई भी संबंध न माने तो उसकी मुक्ति निश्चित है।

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