अरुणाचल पर जारी चीन की अकड़, वीजा नीति बदलने से इनकार

बीजिंग. ऐसा लगता है कि चीन ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को नत्थी वीजा देने की अपनी नीति बदल ली है। चीन का कहना है कि 'हाल के समय में ऐसा कोई वीजा जारी नहीं किया गया है।' इस मुद्दे से जुड़े एक सवाल के जवाब में चीन के विदेश मंत्रालय में उप महानिदेशक ली केक्सिन ने कहा, 'क्या आपने हाल में ऐसी कोई रिपोर्ट (कश्मीरियों को नत्थी वीजा जारी करने के बारे में) देखी है? '
ली की यह टिप्पणी ऐसे वक्त आई है जब चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओ अगले सप्ताह चौथे ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन व दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए नई दिल्ली आने वाले हैं। हालांकि, अरुणाचल प्रदेश के लोगों को नत्थी वीजा जारी करने के मुद्दे पर ली ने दोनों देशों के बीच चल रहे सीमा विवाद की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे से द्विपक्षीय संबंध प्रभावित नहीं होने चाहिए। सीमा को लेकर दोनों देशों के अपने-अपने दृष्टिकोण हैं। बातचीत के जरिए इस मसले को हल करने के प्रयास जारी रहने चाहिए।
कब से मिल रहा खुले पन्नों पर वीजा
चीन ने 2008 में अरुणाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के लोगों को खुले पन्नों पर वीजा जारी करना शुरू किया था। इस पर भारत ने नाराजगी जाहिर की थी। भारत में चीन के राजदूत झांग यान ने पिछले साल यह चलन बंद करने के संकेत दिए थे। लेकिन आधिकारिक तौर से कुछ नहीं कहा गया था।
पर्यटन बढ़ाने की चाह भी
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि चीन और भारत की जनसंख्या की तुलना में एक दूसरे के यहां जाने वाले पर्यटकों की संख्या बहुत कम है। विदेश मंत्रालय में एशियाई विभाग के उप महानिदेशक सुन वीडांग ने कहा, 'चीन में 1.3 अरब और भारत में 1.2 अरब लोग हैं। कुल मिलाकर 2.5 अरब लोग हैं। लेकिन पिछले साल केवल 7 लाख लोगों ने एक दूसरे देश का दौरा किया। जो बहुत कम है। हमें ऐसी यात्राओं को प्रोत्साहित करना चाहिए।'
