Home > Archived > जनमानस

जनमानस

बेटियां समाज का वंश है


आज बेटियां भी समाज का वंश है। अभी तक केवल बेटे ही वंश का काम करते थे लेकिन अब बेटियां भी अपने माता-पिता का वंश चलाती है। कुछ लोग बेटी के जन्म पर दु:खी होते है या मां की कोख में बेटी नजर आने पर उन्हें मार देते हैं यह एक भ्रूण हत्या है। जिस तरह पुत्र के जन्म पर लोग खुखियां मनाते हैं मिठाईयां बांटते हैं उसी तरह बेटी के जन्म पर भी खुखियां मनाना चाहिए बेटी भी समाज का वंश है।

अशोक शिरढोणकर, ग्वालियर

Updated : 28 Dec 2012 12:00 AM GMT
Next Story
Top