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जनमानस

पाक इसका हकदार नहीं


इतिहास साक्षी है कि 1947 की आजादी के बाद से आज तक पाक भारत के लिए विषदंत घोपने वाला सांप साबित हुआ है। कितने हमले, कितने आतंकवादी, कितने बम विस्फोट और इन सब कायराना हरकतों से भारत ने ना जाने कितने सैनिक बलिदान और ना जाने कितने आम भारतीय नागरिक अपनी जान गंवा बैठे । फिर भी हम इस गद्दार (पाक) को क्यों अच्छे दोस्त या पड़ोसी मानकर उसके स्वागत में एवं उसकी प्रशंसा मे लगे रहते हैं। और तो और पाक के कितने भी नागरिक भारत में आकर अपार धन, नाम कमाकर अच्छे से अच्छे जीवन जीने लगते हैं परन्तु हमारे देश का कोई भी नागरिक आज तक पाक में सिर्फ और सिर्फ जिल्लत की जिंदगी जीता है या फिर मारा जाता है। अभी तक पाक में इस्लामी कट्टरपंथियों ने वहां पर सैकड़ों वर्षों पुराने मंदिरों को तोड़ दिए और लगभग दो करोड़ हिन्दू आजादी के बाद से पाक में बसे रह गए थे परन्तु उक्त हिन्दुओं का निरंतर दमन व तिरस्कार हुआ इसलिए अब पाक में चंद लाख हिन्दू ही बचे हैं। जबकि हिन्दुओं की संख्या बढऩा चाहिए थी लेकिन हुआ उल्टा। मुम्बई 26/11 हमले के खूंखार आतंकवादी पाक में घूम कर आराम की जिंदगी जी रहे हैं और 1991 के मुम्बई बम धमाके के मुख्य आरोपी दाउद भी पाक में आरामदायक जिंदगी जी रहा है। फिर भी हम क्यों पाक से किसी भी तरह से संबंध बनाने में लगे हैं। जबकि अभी भी वहां से प्रशिक्षित आतंकवादी भारत में भेजे जा रहे हैं । इसलिए पाक से क्रिकेट संबंध भारत सरकार को नहीं बनाना चाहिए जब तक कि स्थिति अनुकूल न हो जाए।

उदयभान रजक, ग्वालियर

Updated : 14 Dec 2012 12:00 AM GMT
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