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जनमानस

नेता और उनके एनजीओ


हाल ही में सलमान खुर्शीद के एनजीओ का घोटाला उजागर हुआ है। केजरीवाल के रहस्यमयी उद्घाटन से बौखलाए खुर्शीद ने देख लेने की धमकी भी दे डाली है। नेतागण सरकारी धन को अपने हितों को साधने के एनजीओ गठन करते हैं। और शासन से उन्हें धन मुहैय्या कराते हैं। अब एनजीओ के कत्र्ताधत्र्ता सब उनके विश्वसनीय सिपहसलार होते है। सरकार को चाहिए ऐसे एनजीओ को तत्काल बंद करवा के उनकी संपत्तियों को राजसात कर लेना चाहिए, अधिकांश एनजीओ स्वस्वार्थ काम कर रहे हैं। नेता अपने चहेतों को उपकृत करने के लिए इस तरह के एनजीओ चलाते हैं। सब तरफ कागजी घोड़े दौड़ते हैं। ऐसे एनजीओ अंधा बाटे रेवड़ी अपने अपने को देय वाली कहावत चरितार्थ करते है। शासन को तमाम एनजीओ बंद कर देने चाहिए, कुछ लोग पर्यावरण संरक्षण के नाम पर लाखों रुपए का चूना लगा रहे हैं। मैदान में एक पौधा नहीं लगते हैं। फाइलों में पौधे लगते हैं। और जेबों में हरियाली अवश्य आ जाती है। क्या फायदा है? ऐसे एनजीओ की जिसे कुछ करना है। वह जनभागीदारी से, सहकारिता से स्वयं सब कुछ कर सकता है। बगैर सरकारी सहायता से ऐसे तमाम फर्जी एनजीओ को तत्काल प्रभाव से खारिज कर देने चाहिए।
कुवर वी.एस.विद्रोही, ग्वालियर

Updated : 30 Oct 2012 12:00 AM GMT
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