पचासवीं सालगिराह पर शहीदों को पहली बार श्रद्धांजलि

पचासवीं सालगिराह पर शहीदों को पहली बार श्रद्धांजलि
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नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच 1962 में हुई लड़ाई में शहीद हुए जवानों को आज पचासवीं सालगिराह पर पहली बार याद कर श्रद्धांजलि दी गई। रक्षा मंत्री ए के एंटनी के नेतृत्व में तीनों सेनाओं के प्रमुखों के अलावा देश के एकमात्र पांच सितारा सैन्य अधिकारी वायु सेना के मार्शल अर्जुन सिंह ने इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर 1962 की जंग के नायकों को सलामी दी। एंटनी ने इस मौके पर कहा कि भारत 1962 में जैसा था आज उससे कहीं ज्यादा ताकतवर है। एंटनी ने कहा कि 2012 का भारत वैसा नहीं है जैसा वह 1962 में था। उन्होंने कहा कि हमारी सेनाएं देश की एक.एक इंच जमीन की रक्षा करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि पिछले एक अरसे में सीमा पर सुरक्षा ढांचा मजबूत किया गया है और सैन्य बलों का आधुनिकीकरण भी किया गया है। यह पहला मौका है जब भारतीय रक्षा प्रतिष्ठान ने भारत चीन युद्ध के नायकों को सलामी दी है। भारतीय नेतृत्व ने युद्ध की पचासवीं बरसी पर यह आयोजन ऐसे समय किया है जब देश न सिर्फ उस पराजय के जख्मों से उबरा हुआ महसूस कर रहा है बल्कि उस हार को नहीं दोहराने देने के वादे भी हाल के समय में जोरशोर से किए गए हैं। इसके बाद वायु सेना प्रमुख ने इसी महीने वायु सेना दिवस पर कहा कि अगर 1962 की जंग में वायु सेना का इस्तेमाल किया गया होता तो जंग का नतीजा कुछ और होता। उन्होंने कहा कि आने वाले किसी भी युद्ध में वायु सेना की भूमिका सीमित नहीं होगी।


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