फसलों पर संकट के आसार

फसलों पर संकट के आसार
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$img_titleश्योपुर। इन दिनों पड़ रहे चिल्ला जाड़े से एक ओर जहां जनजीवन बेहाल है, वहीं दूसरी ओर रबी फसलों पर भी संकट के आसार साफ नजर आ रहे हैं। हालांकि अब तक पड़ी सर्दी से जिले में कहीं भी फसलों पर पाला तो नहीं पड़ा है, लेकिन कृषि वैज्ञानिक और अधिकारी इसकी आशंका से भी इंकार नहीं कर रहे हैं। इसके पीछे उनका तर्क है कि जनवरी का दूसरा सप्ताह ही वह समय होता है, जब फसलों पर पाला पडऩे की आशंका अधिक रहती है।
यही कारण है कि जिले के कृषि वैज्ञानिक और कृषि अधिकारी किसानों को समय रहते सचेत कर रहे हैं। उनके द्वारा किसानों को फसलों पर पाले से बचाने के उपाय सुझाए जा रहे हैं। रबी फसलों में सबसे अधिक पाला पडऩे की संभावना आलू, टमाटर, सरसों और शाकीय पौधों पर रहती है, लेकिन इन फसलों की जिले में पैदावार बहुत कम है। यही कारण है कि दूसरे जिलों की तरह कड़ाके की सर्दी पडऩे के बाद भी श्योपुर जिले में अब तक कहीं भी पाला पडऩे की खबर नहीं है। श्योपुर वैसे ही धान प्रधान जिला है। धान की फसल हमेशा पानी में डूबी रहती है, इसलिए इस फसल पर पाले की संभावना न के बराबर रहती है।
क्यों पड़ता है फसलों पर पाला
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार सूर्य द्वारा पृथ्वी को प्राप्त ऊष्मा का क्षरण विकिरण द्वारा होने पर तापमान गिर जाता है। इससे पाला पडऩे की संभावना बढ़ जाती है। पाले द्वारा पौधों की कोशिकाओं का जीवद्रव्य जम जाता है।
पाला पडऩे के लक्षण
आसमान साफ हो, बहुत कम तापमान हो, हवा न चल रही हो।
कैसे करें बचाव
द्यफसलों की हल्की सी सिंचाई करें

घास-फूस, सूखी पत्तियां, पौध अवशेष आदि को शाम के समय खेतों के आसपास जलाएं

नर्सर/पौध को पुआल से ढके

दो प्रतिशति यूरिया के घोल का छिडक़ाव करें।


संवेदनशील फसलें
आलू टमाटर शासकीय पौधे
रबी फसल का रकबा
लक्ष्य- 1.50 लाख हैक्टेयर द्य बोवनी-1.25 लाख हैक्टेयर


''मौसम का मिजाज तो खराब है। साथ ही तेज सर्दी भी पड़ रही है, लेकिन अब तक जिले में रबी फसलों को इससे किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है। ''
के सी कौशल
उप संचालक कृषि




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