मालगाड़ी के तीन डिब्बे पटरी से उतरे

मालगाड़ी के तीन डिब्बे पटरी से उतरे
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ग्वालियर। गेहंू से भरी एक मालगाड़ी बीती रात बिरलानगर के पास ढलान से फिसल गई जिससे उसके तीन डिब्बे पटरी से उतरकर ओएचई केवल के खंबो में जा घुसे। हादसे की वजह से करीब 12 घण्टे तक अप और डाउन ट्रेक पर यातायात ठप रहा। गुरुवार दोपहर 2 बजे ट्रेक को क्लियर करने के बाद ही गाडिय़ों का आवागमन शुरु हो सका। हादसे के समय गाड़ी में चालक, सहायक चालक और गार्ड कोई भी मौजूद नहीं था। खबर मिलते ही झांसी मण्डल एवं ग्वालियर स्टेशन प्रबंधन के अधिकारी तडक़े ही मौके पर पहुंच गए।
रेलवे के स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक बीती रात बिरलानगर स्टेशन के पास एक मालगाड़ी में गेहंू लोड किए गए। गाड़ी को लोड कर आरएण्डडी(रिसीव एण्ड डिस्चार्ज) लाइन में खड़ा कर दिया गया। इसे रात ढाई बजे गुजरात के लिए रवाना होना था। रात्रि सवा दो बजे गाड़ी को आरएण्डडी लाइन से मेन लाइन पर लाने के लिए इंजन को चालक ताराचंद व सहायक चालक प्रवीण मिश्रा ने चालू ही किया था इतने में ही सहायक चालक के पेट में तेज दर्द होने लगा। ताराचंद ने इंजन बंद कर ब्रेक लॉक लगाए और प्रवीण को उतारकर तुरन्त अस्पताल ले गए। चूंकि गाड़ी ढलान पर खड़ी थी। इंजन के ब्रेक लॉक लगे थे, किंतु इंजन चालू नहीं था। इसलिए गाड़ी पीछे की ओर खिसकने लगी और करीब तीन सौ मीटर पीछे तक आ गई जिससे गार्ड का डिब्बा यार्ड की दीवार में जा घुसा। वहीं तीन डिब्बे पटरी पर से उतरकर ओएचई केवल के खंबो में जा भिड़े। हादसे की सूचना बिरलानगर स्टेशन के पहले तैनात गैंगमैन सीताराम ने सर्वप्रथम स्टेशन प्रबंधन को दी। जिस पर तुंरत ही स्थानीय अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने इसकी खबर झांसी मण्डल के अधिकारियों को दी। तडक़े 5 बजे ही मण्डल रेल प्रबंधक अशोक कुमार गुप्ता स्पेशल ट्रेन से मौके पर पहुंचे। उन्होंने घटना स्थल का जायजा लिया और हादसे की जांच के आदेश दिए।
12 घण्टे तक ठप रहा यातायात
हादसा हो जाने के कारण 12 घण्टे तक यातायात बाधित रहा। अप और डाउन ट्रेक दोनों ओर गाडिय़ां फंसी रही। दोपहर 2 बजे तक क्रेन की मदद से डिब्बों को पटरी पर पुन: चढ़ाया जा सका। वहीं डिब्बों के कुछ हिस्सों को गैस कटर की मदद से भी काटा गया। दोनों ट्रेक पर गाडिय़ां फंस जाने के कारण सुबह 8 बजे अप ट्रेक को खोला गया। सबसे पहले 8 घण्टे से फंसी राजधानी एक्सप्रेस को निकाला गया।
कहां था गार्ड?:-
चालक ताराचंद और सहायक चालक प्रवीण मिश्रा के अलावा गाड़ी में गार्ड सीताराम भी तैनात था। स्थानीय अधिकारियों के अनुसार गाड़ी लोड थी और उसे ले जाने की तैयारी चल रही थी। इसी दौरान गाड़ी के सहायक चालक के पेट में दर्द होने पर चालक ताराचंद उसे अस्पताल ले गया जहां से बाद में उसे झांसी रेफर कर दिया गया। प्रश्न यह उठता है कि जब गाड़ी को रवाना किया जा रहा था तो गार्ड सीताराम कहां था? उधर देर शाम तक अधिकारियों ने सीताराम से संपर्क साधने की कोशिश की, लेकिन उससे संपर्क नहीं हो सका। हादसे के बाद से ही सीताराम गायब है। जबकि हादसे के बारे में मण्डल रेल प्रबंधक श्री गुप्ता का कहना था कि गाड़ी में गेहूं लोड किए जा रहे थे इसी दौरान यह हादसा हो गया।
पटरी भी उखड़ी:-
मालगाड़ी इतनी तीव्र गति से नीचे की ओर फिसली थी कि तीन डिब्बे पटरी से उतरते समय इस गति से नीचे आए कि करीब 8 0 फुट पटरी भी उनके साथ उखडक़र चली आई। पटरी में डिब्बे उलझ जाने के कारण इन्हें गैस कटर से काटकर अलग करना पड़ा।
यात्री रहे परेशान:-
अप और डाउन ट्रेक ठप हो जाने की वजह से गाडिय़ों को मुरैना दतिया और डबरा स्टेशन के पास आउटर पर खड़ा रहना पड़ा। इस वजह से यात्रियों को काफी परेशानी हुई। दोपहर 2 बजे के बाद ही दोनों रेल मार्गों पर आवागमन शुरु हो सका।
यह गाडिय़ां रहीं प्रभावित
अप ट्रेक
दक्षिण एक्सप्रेस 8 घण्टे
शताब्दी एक्सप्रेस 1 घण्टा 40 मिनट
छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस 2 घण्टे
पंजाब मेल 2 घण्टे
स्वर्णजयंती एक्सप्रेस 2 घण्टे 30 मिनट
डाउन ट्रेक
सचखण्ड एक्सप्रेस 5 घण्टे
मंगला एक्सप्रेस 5 घण्टे 30 मिनट
उत्कल एक्सप्रेस 4 घण्टे
केरला एक्सप्रेस 4 घण्टे
संपर्क क्रांति 7 घण्टे 30 मिनट
श्रीधाम एक्सप्रेस 6 घण्टे 30 मिनट
महाकौशल एक्सप्रेस 7 घण्टे

''मालगाड़ी के तीन डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इससे कोई जनहानि नहीं हुई है। हालांकि अप और डाउन ट्रेक पर यातायात बाधित रहा। हादसे की जांच करवाई जाएगी। हादसे का आखिर क्या कारण रहा? यह जानना आवश्यक है।''
अशोक कुमार गुप्ता
मण्डल रेल प्रबंधक




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