Raipur News: छत्तीसगढ़ के 2, 813 लेक्चरर्स-हेडमास्टर्स प्रमोट होकर बने प्रिंसिपल, काउंसलिंग के जरिए होगी पोस्टिंग

छत्तीसगढ़ के 2, 813 लेक्चरर्स-हेडमास्टर्स प्रमोट होकर बने प्रिंसिपल, काउंसलिंग के जरिए होगी पोस्टिंग
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CG Teacher Rationalization Promotion News : रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती को जरूरत और संख्या के हिसाब से पुनर्व्यवस्थित करने के लिए युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके साथ ही, 2,813 लेक्चरर्स और हेडमास्टर्स को प्राचार्य के पद पर प्रमोट किया गया है। इनकी तैनाती हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों में काउंसलिंग के जरिए होगी। लेकिन इस फैसले ने जहां एक ओर नई उम्मीदें जगाई हैं, वहीं युक्तियुक्तकरण को लेकर चल रहा विवाद भी गहरा गया है।

क्या है युक्तियुक्तकरण

युक्तियुक्तकरण का मतलब है स्कूलों में शिक्षकों और संसाधनों को उनकी जरूरत के हिसाब से व्यवस्थित करना। इसका उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना और संसाधनों का सही उपयोग सुनिश्चित करना है। लेकिन इस प्रक्रिया को लेकर शिक्षक संगठनों और विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस, ने विरोध जताया है। इस बीच, सरकार ने 2,621 बर्खास्त बीएड शिक्षकों को भी सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) के पद पर बहाल कर दिया है, जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दी है।

किसे मिली कितनी तरक्की?

हाल ही में जारी आदेश के मुताबिक, ई संवर्ग के 1,478 और टी संवर्ग के 1,335 लेक्चरर्स को प्राचार्य के पद पर प्रमोट किया गया है। ये सभी हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों में खाली पड़े पदों पर तैनात होंगे। प्रमोशन का आदेश तो जारी हो चुका है, लेकिन इनकी पोस्टिंग अगले हफ्ते काउंसलिंग के बाद होगी। यह प्रक्रिया लोक शिक्षण संचालनालय की देखरेख में पूरी की जाएगी।

क्यों रुके थे प्रमोशन?

छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग में आखिरी बार 2016 में और आदिम जाति कल्याण विभाग में 2013 में प्रमोशन हुए थे। इसके बाद से शिक्षकों की तरक्की की मांग बार-बार उठती रही, लेकिन प्रक्रिया कई कारणों से अटकती रही। इस लंबे इंतजार में कई लेक्चरर्स बिना प्रमोशन के ही रिटायर हो गए। अब सरकार ने इस दिशा में तेजी दिखाई है और प्राचार्यों के बाद जल्द ही अन्य व्याख्याताओं के प्रमोशन की लिस्ट भी जारी होने की संभावना है।

युक्तियुक्तकरण से पहले प्रमोशन क्यों जरूरी?

प्रदेश में स्कूलों के विलय और शिक्षकों की तैनाती को लेकर युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया चर्चा में है। सरकार का मानना है कि पहले हाई-लेवल स्कूल मैनेजमेंट को मजबूत करना जरूरी है। इसके लिए प्राचार्यों की नियुक्ति और उनकी काउंसलिंग महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, प्रमोशन से नाराज शिक्षकों को शांत करने और निचले स्तर पर रिक्तियां पैदा कर नई भर्तियों की गुंजाइश बनाने की रणनीति भी दिख रही है।

बीएड शिक्षकों का विवाद

10 दिसंबर 2024 को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि सहायक शिक्षक के पद के लिए केवल डीएड डिग्री धारक ही पात्र होंगे। इस फैसले से 2,897 बीएड शिक्षकों की नौकरी चली गई। इनमें से 56 ऐसे शिक्षक थे, जिन्होंने दूसरी सरकारी नौकरियां छोड़कर यह पद जॉइन किया था।

कोर्ट ने सरकार को 15 दिनों में भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ बीएड शिक्षकों ने नवा रायपुर में 126 दिनों तक धरना दिया, सामूहिक मुंडन कराया और अंगारों पर चलकर विरोध जताया।

आखिरकार, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात के बाद 18 अप्रैल को यह आंदोलन खत्म हुआ। सूत्रों के अनुसार, प्राचार्यों के बाद अब व्याख्याताओं के प्रमोशन की लिस्ट भी तैयार है। काउंसलिंग प्रक्रिया अगले हफ्ते शुरू होगी, जो हाईकोर्ट के अंतिम फैसले के अधीन रहेगी।

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