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राम मंदिर जन्मभूमि का फैसला शनिवार को क्यों ?

राम मंदिर जन्मभूमि का फैसला शनिवार को क्यों ?
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नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट अयोध्या मामले पर नौ नवम्बर को फैसला सुनाएगा। पिछले 16 अक्टूबर को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। नौ नवम्बर को शनिवार है और ऐसा पहली बार है कि कोई फैसला शनिवार को सुनाया जाएगा। आमतौर पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार से शुक्रवार तक सुनवाई करता है, या फैसले सुनाता है।

हम आपको बता दें कि न्यायमूर्ति गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। वैसे तो अदालत किसी भी दिन बैठ सकती है, मामले को सुन सकती है और फैसला दे सकती है लेकिन फिर भी 17 नवंबर को रविवार है और सामान्यत: इतने बड़े मामलों में फैसला अवकाश के दिन नहीं आया करता। साथ ही जिस दिन न्यायाधीश सेवानिवृत्त हो रहे हों, उस दिन भी बड़े मामलों में फैसले आमतौर से नहीं सुनाए जाते। इससे पहले 16 नवंबर को शनिवार का भी अवकाश है।

ऐसे में न्यायमूर्ति रंजन गोगोई का अंतिम कार्यदिवस 15 नवंबर को पड़ रहा है। इससे यह अनुमान लगाया गया कि अयोध्या मामले का फैसला न्यायमूर्ति गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ 14 या 15 नवंबर को सुना सकती है।

लेकिन, इसमें भी एक पेंच सामने आया। आम तौर से अदालत किसी फैसले को सुनाती है तो उससे संबंधित कोई तकनीकी गड़बड़ी पर अगले दिन वादी या प्रतिवादी में से कोई भी एक बार फिर से अदालत की शरण लेकर इस गड़बड़ी को दूर करने की गुहार लगाता है। इसमें भी एक या दो दिन लग जाते हैं। इस मामले में 14-15 नवंबर को फैसले की स्थिति में यह एक-दो दिन फिर खिसक कर 16-17 नवंबर हो जाते।

इसके बावजूद, न ही अदालत और न ही सरकार से, किसी भी तरफ से यह संकेत नहीं मिला कि अयोध्या मामले में फैसला 14-15 नवंबर से पहले भी आ सकता है।

फिर अचानक, शुक्रवार रात यह सूचना आती है कि अयोध्या मामले पर फैसला शनिवार सुबह साढ़े दस बजे सुनाया जाएगा। माना जा रहा है कि यह अचानक ऐलान इस सुविचारित रणनीति का हिस्सा है कि इस बेहद संवेदनशील, भावनाओं और आस्थाओं से जुड़े मामले में असामाजिक तत्वों को किसी तरह की खुराफात के लिए तैयारी का मौका नहीं मिल सके। और, इसीलिए शुक्रवार की रात ऐलान किया गया कि एक रात के कटने के बाद शनिवार की सुबह होने के साथ ही मामले में फैसला सुना दिया जाएगा।

देश और अयोध्या के प्रदेश उत्तर प्रदेश में शांति के लिए इससे पहले इसी रणनीति के तहत पूरी तैयारी कर ली गई। प्रदेश और केंद्र सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था मुकम्मल कर ली। अयोध्या फैसले के आने के समय के फैसले के ऐलान से पहले प्रधान न्यायाधीश ने भी उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी और पुलिस महानिदेशक ओ.पी.सिंह से मुलाकात कर प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी हासिल की।

Updated : 9 Nov 2019 10:08 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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