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सिंधिया परिवार का वर्चस्व, जिस पर रखा हाथ वही बना विधायक

1957 से लेकर 2018 तक हुए 14 चुनावों में सात बार भाजपा और सात बार रहा कांग्रेस का कब्जा

सिंधिया परिवार का वर्चस्व, जिस पर रखा हाथ वही बना विधायक
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शिवपुरी। जिले की कोलारस विधानसभा सीट में सिंधिया परिवार का बर्चस्व बना हुआ हैं। चुनाव में इस सीट पर कभी राष्ट्रीय प्रादेशिक विकास स्थानीय अथवा जातिवाद का मुद्दा अपना प्रभाव नहीं दिखा पाया। सिंधिया परिवार ने किसी भी दल के प्रत्याशी पर अपना हाथ रखा वही प्रत्याशी विजयीश्री होकर विधानसभा की चौखट पर पहुंचा है। चुनाव के इतिहास के पन्नों को पलटकर देखने पर पता चलता है कि इस सीट पर किसी एक दल का कब्जा नहीं रहा। मध्य प्रदेश स्थापना से लेकर 2018 तक कुल हुए 14 चुनावों व उप-चुनावों में से सात बार स्व. राजमाता विजयाराजे ङ्क्षसधिया व उनकी पुत्री मध्य प्रदेश सरकार की कैबिनेट मंत्री यशोधराराजे सिंधिया के प्रयासों के चलते सात बार भाजपा का कब्जा रहा। वहीं स्व. माधवराव सिंधिया व उनके बेटे क्षेत्रीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव के चलते सात बार कांग्रेस का कब्जा रहा।

आम विधानसभा चुनाव में भाजपा-कांग्रेस किस मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाएगी अभी से कहना बेईमानी साबित होगा, क्योंकि यहां समीकरण चुनाव के समय ही तय किए जाते हैं। फिलहाल दोनों ही दल के संभावित उम्मीदवार अपना-अपना समीकरण बिठाने में अभी लग गए हैं। पिछले उप-चुनाव में भाजपा ने जिस तरीके से कांग्रेस को कड़ी टक्कर देते हुए जीत का अंतर कम किया है उससे पार्टी के पदाधिकारियों को संजीवनी मिली है।

भाजपा ने उप चुनाव में दी कड़ी टक्कर: फरवरी 2018 में हुए कोलारस विधानसभा सीट के उप चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार देवेन्द्र जैन को कांग्रेस के उम्मीदवार महेन्द्र सिंह यादव ने 8,083 मतों से पराजित कर चुनाव जीत लिया था। भाजपा ने इस चुनाव में जीत का अंतर कम कर दिया, जिससे पार्टी पदाधिकारियों में जोश है और वह कांग्रेस को कड़ी टक्कर देने के लिए तैयारी में जुटे हैं। चुनाव हारने के बाद भी भारतीय जनता पार्टी व प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुनाव प्रचार के दौरान क्षेत्र की जनता से जो विकास के वायदे किए थे, उन वायदों को पूरा करने में लगे हुए हैं। चुनाव के दौरान रन्नौद पंचायत नगर पंचायत का दर्जा दिलाने का वायदा पूरा करते हुए पिछले माह रन्नौद को नगर पंचायत घोषित कर दिया गया। सिंचाई का रकबा बढ़ाने के लिए सिंध नदी पर पांच स्टॉप डेम बनाने का मुख्यमंत्री ने जो वायदा किया था उसे भी पूरा करते हुए निर्माण के लिए टेंडर लगा दिए हैं। बदरवास में महाविद्यालय प्रारंभ कर दिया गया है। इसी तरह पेयजल समस्या के निदान के लिए नल-जल योजना, सड़क, बिजली सहित अन्य जो वायदे किए उन वायदों को भी पूरा करने में भाजपा व उनके नेता लगे हुए हैं।

अब तक चुने गए विधायक: कोलारस विधानसभा क्षेत्र में सन् 1957 में कांग्रेस के वैदेहीचरण पाराशर और 1962 में कांग्रेस की मनोरमा त्रिवेदी विजयी हुईं। इसके बाद पोहरी विधायक प्रहलाद भारती के चाचा स्व. जगदीश वर्मा राजमाता विजयाराजे सिंधिया के काफी नजदीकी होने के कारण उन्होंने लगातार दो बार 1967 में स्वतंत्र एवं 1972 में जनसंघ से चुनाव जीते। 1977 में कोलारस विधानसभा सीट आरक्षित होने के बाद जनता दल से कामता प्रसाद खटीक विजयी हुए। स्व. माधवराव सिंधिया ने शिक्षक नौकरी से त्याग पत्र दिलवाकर पूरन सिंह बेडिय़ा को अपने प्रभामण्डल के चलते 1980-1985 में लगातार दो बार चुनाव जिताया। 1990 व 1993 के चुनाव में ओमप्रकाश खटीक लगातार दो बार विजयी हुए। श्री खटीक राजमाता विजयाराजे सिंधिया के चहेते रहे। सन् 1998 में फिर से कांग्रेस के पूरन सिंह बेडिय़ा जीते और वह मंत्री बने। 2003 में ओमप्रकाश खटीक भाजपा के बैनर तले पुन: विधायक बने 2008 में कोलारस विधानसभा क्षेत्र पुन: सामान्य हुई यहां से कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के विशेष प्रयासों से देवेन्द्र जैन ने अपनी जीत दर्ज कराई। 2013 के चुनाव में कांग्रेस के स्व. रामसिंह दादा ने जीता था। स्व. रामसिंह दादा की असमायिक निधन के बाद 2018 में हुए उप चुनाव में क्षेत्रीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के विशेष प्रयासों से कांग्रेस के महेन्द्र सिंह ने उप चुनाव जीता।

नेताओं की राय

क्षेत्र में समस्याओं का अंबार बना हुआ है। कांग्रेस के पूर्व विधायक स्व. रामसिंह यादव एवं उनके पुत्र वर्तमान विधायक महेन्द्र सिंह यादव ने कोलारस विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए कोई काम नहीं किए हैं। गर्मियों में जहां ग्रामीण क्षेत्र के नागरिक पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं वहीं अपने छोटे-छोटे कार्यों के लिए भटक रहे हैं। जबकि मैंने अपने कार्यकाल में पानी सड़क, बिजली, गांव में सीसी रोड़, स्टॉप डेम सहित मध्य प्रदेश शासन की हर योजना का लाभ ग्रामीण नागरिकों को दिलाया। क्षेत्र में जो भी विकास कार्य हुए हैं वह मप्र सरकार द्वारा कराए गए हैं और मान. मुख्यमंत्री शिवराजसिंह के मार्गदर्शन में लगातार विकास कार्य कराए जा रहे हैं।

-देवेंद्र जैन, निकटतम प्रत्याशी, भाजपा

प्रदेश में कांग्रेस की सरकार न होने के बाद भी बिजली, पानी, सड़क, जैसी मूलभूत सुविधाओं पर आशातीत कार्य किए हैं। विधायक एवं सांसद निधि से ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल समस्या निदान के लिए 100 हैण्डपंप, 40 नल जल योजना के लिए मोटर, 135 पानी के टेंकर, 500 सोलर ऊर्जा से संचालित होने वाली लाईट, दो-दो करोड़ की लागत से पांच विद्युत सब इंस्टेशन का निर्माण कराया। इसके साथ ही खरंजा सहित अन्य विकास के कार्य किए हैं। 15 साल से भाजपा की सरकार होने के बाद भी क्षेत्र में कोई विकास कार्य नहीं किया। उप चुनाव में जितने विकास कार्यों की घोषणा चुनाव के दौरान नेताओं द्वारा की गई थी उन घोषणाओं पर आज तक अमल नहीं हुआ।

-महेन्द्र सिंह यादव, विधायक, कांग्रेस

कुल मतदाता 1,63,286

पुरुष मतदाता 86,674

महिला मतदाता 76,112

जातीय समीकरण

कोलारस विधानसभा सीट पर चुनाव को प्रभावित करने वाले प्रमुख समाजों में सर्वाधिक संख्या यादव, धाकड़, जाटव, भील आदिवासी, कुशवाह, रावत समाज की हैं। इसके अलावा ब्राह्मण, वैश्य, रघुवंशी, समाज के मतदाताओं की संख्या 5 से लेकर 15 हजार के बीच में हैं। अन्य छोटे-छोटे समाज भी इस विधानसभा क्षेत्र में निवासरत हैं।

संभावित प्रत्याशी

भाजपा - देवेन्द्र जैन, जितेन्द्र जैन गोटू, वीरेन्द्र रघुवंशी, सुशील रघुवंशी, सुरेन्द्र शर्मा, धनपाल सिंह यादव, रामस्वरूप रावत रिझारी, कल्याण सिंह यादव बांसखेड़ा, आलोक बिंदल।

कांग्रेस - महेन्द्र सिंह यादव, बैजनाथ सिंह यादव, मिथलेश यादव, रविन्द्र शिवहरे, भूपेन्द्र यादव भोले।

2013 चुनाव परिणाम

स्व. रामसिंह यादव कांग्रेस 73942

देवेन्द्र जैन भाजपा 48989

चन्द्रभान सिंह यादव बसपा 22712

जीत का अंतर 24,953

2018 उपचुनाव परिणाम

महेन्द्र सिंह यादव कांग्रेस 82,515

देवेन्द्र जैन भाजपा 74,432

जीत का अंतर 8,083

Updated : 4 Aug 2018 12:57 PM GMT
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Swadesh Digital

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