खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह हाल ही में अजनाला पुलिस थाने पर हमला करने के बाद सुर्ख़ियों में आया है। जिसके बाद उस पर शिकंजा कसा जा रहा है।
एजेंसियों के अनुसार अमृतपाल सिंह के खालिस्तान कनेक्शन के पीछे पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई का हाथ है। वह आईएसआई के पर ही इस मूवमेंट को देश में बढ़ावा दे रहा है।
अमृतपाल सिंह अमृतसर के पास स्थित जल्लूपुर खेड़ा गांव का रहने वाला है। साल 2012 में वह दुबई में चला गया था, जहां वह टैक्सी चलाता था।
वह दुबई में ही आईएसआई के संपर्क में आया था। माना जा रहा है कि वह आईएसआई के इशारे पर ही दुबई से वापिस भारत आया है।
अमृतपाल सिंह जबसे दुबई से वापिस लौटा है, खालिस्तान के समर्थन में लगातार बयानबाजी कर रहा है। उसका नाम शिवसेना नेता सुधीर सूरी हत्याकांड में भी सामने आया था।
अमृतपाल सिंह को 29 सितंबर 2022 को 'वारिस पंजाब दे' संगठन का मुखिया चुना गया। इस संगठन की स्थापना दीप सिद्धू ने की थी
अमृतपाल सिंह को आज उसके समर्थक दूसरा जरनैल सिंह भिंडरावाले कहते है। इसका कारण उसकी खालिस्तान की आजादी की भिंडरावाले जैसी सोच है।
अमृतपाल सिंह का रहन-सहन भिंडरावाले जैसा है। वह भिंडरावाले की तरह भारी पगड़ी बांधता है और युवाओं में जोश भरने के लिए भड़काऊ भाषण देता है।
अमृतपाल सिंह नशा मुक्ति केंद्रों में भर्ती युवकों को हथियारों की ट्रेनिंग दे रहा था। वह वह अपनी अलग सेना बनाकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर रहा था
अमृतपाल सिंह के खिलाफ 3 केस दर्ज हैं, इनमें 2 हेट स्पीच के संबंधित हैं, उसकी तलाश पूरे पंजाब में जारी है।