राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर मरू प्रदेश बनाने की मांग उठने लगी है।
माना जा रहा है कि केंद्र सरकार विशेष सत्र में ही राजस्थान का विभाजन कर नए राज्य मरु प्रदेश का गठन कर सकती है।
यदि राजस्थान का बंटवारा होता है तो थार रेगिस्तान इलाके वाले 20 जिले मरुप्रदेश को मिल सकते है।
जिसमें श्रीगंगानगर, अनूपगढ़, हनुमानगढ़, बीकानेर, चूरू, झुंझुनू, डीडवाना, कुचामन, नीमकाथाना, आदि 20 जिले शामिल होंगे।
देश का 14.65% खनिज उत्पादन मरू प्रदेश क्षेत्र से होता है। वहीं देश की 27 प्रतिशत तेल और गैस की आपूर्ति भी इसी क्षेत्र से की जाती है।
मरुप्रदेश की मांग करने वालों का तर्क है कि पश्चिमी राजस्थान का ये इलाका राज्य के अन्य हिस्सों के मुकाबले काफी पिछड़ा हुआ है।
जनसंख्या की बात करें तो मरू प्रदेश में 2 करोड़ 85 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं, जबकि क्षेत्र की साक्षरता दर 63 फ़ीसदी से ज्यादा है।
साल 2001 में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने 03 राज्य नए बनाये तो उस समय भी मरुप्रदेश की मांग उठी थी।
मरुस्थल की मांग करने वालों का कहना है कि यदि ये इलाका नए राज्य के रूप में सामने आएगा तो इस क्षेत्र के विकास में तेजी आएगी।