उज्जैन में महाकाल मंदिर के कॉरिडोर का कार्य पूरा हो चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर की शाम को इसका लोकार्पण करेंगे।
महाकाल कॉरिडोर में विभिन्न देवी देवताओं की बड़ी मूर्तियों की स्थापना का काम तेजी से चल रहा है. 108 स्तंभ बनाये जा चुके हैं।
उज्जैन में बन रहा कॉरिडोर काशी विश्वनाथ मंदिर से आकार में करीब 4 गुना बड़ा है.
महाकाल कॉरिडोर में शिव तांडव स्त्रोत, शिव विवाह, महाकालेश्वर वाटिका, महाकालेश्वर मार्ग, शिव अवतार वाटिका, प्रवचन हॉल, रूद्रसागर तट तैयार किया जा रहा है।
इस पूरे महाकाल कॉरिडोर में अलग-अलग महाकाल वाटिका तैयार की गई हैं उनमें से एक है यह त्रिपुरासुर का वध करते हुए त्रिदेव की भव्य मूर्तियां. शिव पुराण में उल्लेख मिलता है।
नंदी द्वार के प्रवेश के बाद ही आपको कॉरिडोर में कमलासन नजर आएगा जिस के बीचो बीच शिव ध्यान मुद्रा में दिखाई देंगे।
कमल कुंड के ठीक सामने सप्त ऋषि मंडल बना है, जिसके ठीक बीच में इस कॉरिडोर का सबसे 54 फीट ऊंचा शिव स्तंभ नजर आएगा।
रात के समय लाइटिंग में इस कॉरिडोर की सुंदरता और ज्यादा बढ़ जाती है।
महाकाल कॉरिडोर 2 हेक्टेयर से बढ़कर 18 हेक्टेयर का हो गया है, जिसमें फिलहाल रुद्रसागर सम्मिलित है. पूरा प्रोजेक्ट बन जाने के बाद ये एरिया लगभग 46.5 हेक्टेयर का होगा।