बिहार सरकार ने मिट्टी की ऊपरी परत को बचाने के लिए लाल ईंट-भट्ठों को अब लाइसेंस नहीं देने का निर्णय लिया है।
अब नए लाल ईंट-भट्ठों को लाइसेंस नहीं मिलेगा.
ईंटों के पारंपरिक बिजनेस में व्यापक बदलाव का रास्ता साफ हो गया है.
राख से ईंटें बनाने का बिजनेस इनमें से एक है, जो बिहार सरकार के ताजा फैसले से सबसे ज्यादा फलने-फूलने वाला है।
यह एक ऐसा बिजनेस है, जिसे छोटे इन्वेस्टमेंट (Investment) से शुरू किया जा सकता है
कम लागत ज्यादा मुनाफे के इस बिजनस में युवाओं का अधिक रुझान है।
अब लाल ईंट चिमनियों का लाइसेंस ना मिलने से ये दिखाई नहीं देंगी।
आपको बता दें कि अकेले बिहार में अभी 500 फ्लाई ऐश ईंट निर्माता हैं.
सरकार इसके लिए खुद रॉ मटेरियल उपलब्ध कराएगी।
ऐश ब्रिक्स बनाने की मशीन 2 लाख रूपए की आती है।