Home > Videos > राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मा. अरुण कुमार जी का कोलकाता में संबोधन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मा. अरुण कुमार जी का कोलकाता में संबोधन

X

कोलकाता/वेब डेस्क। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मा. अरुण कुमार जी को सुनना ही अपने आप में एक विलक्षण अनुभव है। कोलकाता में आयोजित एक गोष्ठी में नागरिकता संसोधन कानून को लेकर देशभर में षडयंत्र के तहत किए जा रहे दुष्प्रचार का श्री अरुण कुमार ने बिन्दुवार उत्तर देते हुए कहा की यह कानून एक राष्ट्रीय दायित्व का निर्वहन है।

संबोधन के प्रमुख अंश इस प्रकार हैं -

ने कोलकाता में एक कार्यक्रम के संबोधन के दौरान नागरिकता कानून पर चर्चा के दौरान बताया की 5 नवम्बर 1950 को संसद में तत्कालीन कानून मंत्री डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने एक ड्राफ्ट बनाया, नेहरू जी ने प्रस्तावना रखी जो ड्राफ्ट बना था उसकी उन्होंने इसका नाम "द इमिग्रेंट्स एक्सपल्शन ऑफ़ असम एक्ट 1950" रखा। 26 जनवरी 1950 को संविधान का निर्माण हुआ और संविधान बने हुए अभी दस महीने पूरे नहीं हुए थे की 5 नवम्बर को नागरिकता को लेकर पहला बिल संसद में रखा गया। इस बिल में जो पहला पॉइंट रखा गया वो था "टू एक्सपेल दोज हु एंटर इन असम इल्लीगली।" मतलब जो लोग पाकिस्तान, बांग्लादेश (तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान ) से अवैध रूप से आ गए हैं, उन्हें बाहर करना। इस बिल में दूसरा पॉइंट था "टू एक्सक्लूड दोज हु केम इण्डिया डीयू टू सिविल डिस्टर्बेंस" मतलब जो लोग पकिस्तान से वहां की परिस्थितियों के कारण भारत आये हैं, उन्हें छोड़कर। यह प्रपोजल था उस क़ानून में। नेहरू जी ने कहा सिविल डिस्टर्बेंस के कारण जो लोग आये हैं वो हमारे भाई-बहन हैं। उनके प्रति हमारी जिम्मेदारी हैं, उस दायित्व को हमें पूरा करना हैं। इस दायित्व को पूरा करने में जो कानूनी अड़चन आएगी तो हम मार्ग को प्रशस्त करेंगे।

Updated : 18 Jan 2020 2:58 PM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh News

Swadesh Digital contributor help bring you the latest article around you


Next Story
Top