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अन्तिम दिन सिद्धिदात्री के दरबार में उमड़ा जनसैलाब

अन्तिम दिन सिद्धिदात्री के दरबार में उमड़ा जनसैलाब
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वाराणसी/स्वदेश वेब डेस्क। शारदीय नवरात्र के आखिरी दिन नवमी तिथि पर गुरुवार को गोलघर स्थित भगवती सिद्धिदात्री के दरबार में मत्था टेकने के लिए श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा। दरबार में भोर से ही श्रद्धालु मां का आर्शीवाद पाने के लिए झोली फैलाते रहे।

भोर में मां का पंचामृत स्नान के बाद विधि विधान से श्रृंगार भोग आरती कर पट खोल दिया गया। देखते ही देखते दरबार में महिला-पुरुष श्रद्धालुओं की लम्बी कतार लग गयी। नारियल चुनरी, अड़हुल की माला लेकर श्रद्धालुओं का हुजूम तड़के से ही मंदिर पहुंचने लगा था। हर ओर दुर्गा चालीसा व दुर्गा स्तुति के स्वर सुनायी देते रहे। घंट-घड़ियाल और जयकारा से प्रांगण रह-रहकर गूंजता रहा।

ज्योतिषाचार्य पं. मनोज उपाध्याय के अनुसार मां सिद्धिदात्री महादुर्गा की नौवीं शक्ति हैं। भगवती सिंह वाहिनी, चर्तुभुजा और सर्वदा सुख प्रदान करने वाली हैं। भगवती के बारे में मार्कण्डेय पुराण में लिखा है,अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईषित्व तथा वशित्व आठ सिद्धियां की प्रदात्री माता सिद्धिदात्री हैं। भगवान शिव ने शक्ति रूपा सिद्धिदात्री देवी की उपासना कर सभी सिद्धियां प्राप्त की थी। इसके प्रभाव से शिव का आधा शरीर स्त्री का हो गया था। भगवान शिव को इसीलिए अर्धनारीश्वर कहा गया है। अर्धनारीश्वर रूप की साधन कर तांत्रिक इच्छित सिद्धि प्राप्त करते हैं। भगवती सिंह वाहिनी, चतुभरुजा और सर्वदा सुख प्रदान करने वाली हैं। श्रद्धा और विश्वास के साथ देवी भगवती के इस रूप की उपासना एवं आराधना करने से मनोरथ पूर्ण होते हैं।

कुंआरी कन्याओं का पूजन कर नवरात्र व्रत का समापन

शारदीय नवरात्र के अन्तिम दिन गुरुवार को ही नवमी तिथि पर विधि विधान से पूजन अर्चन के बाद कुआंरी कन्याओं का पूजन कर व्रत का समापन किया गया। नवमी तिथि पर मां का विधि विधान से पूजन अर्चन के बाद नौ दिन व्रत रहने वाले श्रद्धालुओं ने पांच या नौ कुंवारी कन्याओं,बालक को बाल भैरव मान उनका पांव पखारा। कन्याओं को चुनरी ओढ़ाकर प्रसाद खिला दक्षिणा देकर विदा किया।

रविन्द्रपुरी स्थित भगवान कीनाराम स्थली क्रीं कुण्ड में भी पीठाधीश्वर सिद्धार्थ गौतम की अगुवाई में नवदेवी स्वरूप नौ कन्याओं और बाल भैरव का पांव पखार लाल चुनरी ओढ़ा कर पूड़ी सब्जी मिठाई फल प्रसाद स्वरूप खिलाया गया।

Updated : 18 Oct 2018 1:13 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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