यमुना हादसा : NDRF ने खत्म किया सर्च अभियान, कैंडल मार्च निकालकर लोगों ने दी श्रद्धांजलि
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बांदा। जिले के मरका घाट में एक नाव पलटने में लापता लोगों की तलाश में सर्च ऑपरेशन चला रही एनडीआरएफ की टीम ने पांच दिन के बाद अपना ऑपरेशन खत्म कर दिया है। लेकिन एसडीआरएफ, पीएसी फ्लड यूनिट व जल पुलिस द्वारा गोताखोरों के साथ यमुना नदी के डूब क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन जारी रखा और एक और महिला की लाश को खोज निकाला है। इसके बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है। इस बीच प्रशासन द्वारा कैंडिल मार्च निकालकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी।
एनडीआरएफ का सर्च ऑपरेशन खत्म होने के बाद 100 कांटे नायलॉन के 6 बंडल रस्सी के साथ यमुना नदी के डूब क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन जारी रहा। इस अभियान में लापता श्रीमती सीता पत्नी बाबू निवासी ग्राम बड़ा डेरा निभौर तहसील बबेरू का शव भादे बाबा मंदिर ग्राम मुड़वारा व ग्राम खेड़ा के बीच यमुना नदी के किनारे मिला। जिसकी शिनाख्त भी परिजनों द्वारा कर दी गई है। इसके पति बाबू की भी इस दुर्घटना में मौत हो गई है। इसके बाद संभावित 2 अन्य लापता व्यक्तियों, डूबी हुई नाव, मोटरसाइकिल और साइकिलों की तलाश जारी है। बीच-बीच में मौसम खराब होने के कारण व नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण सर्च ऑपरेशन बाधित रहा।
ऐसे हुआ हादसा -
उल्लेखनीय है कि बांदा जनपद के बबेरू के रहने वाले लोग नाव से उस पार जा रहे थे। नाव में रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधने मायके जा रहीं थीं तो कुछ भाई अपनी बहन के घर जाने के लिए सवार थे। इस दाैरान युमना नदी में तेज हवा के कारण ओवर लोड नाव पलट गई। इसमें 15 लोग तैरकर बाहर निकल आए। पुलिस वेरिफिकेशन में 5 लोग अपने घर पर मिले, जबिक अन्य लोग नदी में लापता हो गए। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा मोचन बल लगातर नदी में डूबे हुए व्यक्तियों की तलाश शुरू की और अब तक 13 लोगों के शव मिल चुके हैं और 2 लोगों की अभी भी तलाश की जा रही है।
कैंडिल मार्च निकाला गया -
अपर एसपी लक्ष्मी निवास मिश्रा ने बताया, 11 अगस्त को नाव हादसे में मरने वाले लोगों की आत्मा की शांति के लिए मरका चौराहे से मरका घाट तक कैंडिल मार्च निकाला गया। यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है जिसके कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हमारी एसडीआरएफ और गोताखोर लगातार नाव और डूबे दो लोगों की तलाश में जुटी हुई हैं।
स्वदेश डेस्क
वेब डेस्क