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अस्पताल की लापरवाही से बच्ची की गई जान, बढ़ा बवाल

मामला तूल पकड़कर ले रहा राजनीतिक रंग

अस्पताल की लापरवाही से बच्ची की गई जान, बढ़ा बवाल
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प्रयागराज। पेट की गम्भीर बीमारी से ग्रस्त जिले के शहरी क्षेत्र स्थित करेली निवासी तीन वर्षीय खुशी मिश्रा की मौत निजी अस्पताल यूनाइटेड मेडिसिटी के गेट पर हो गई। परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन के लिए दो लाख रुपया जमा कर दिया गया था, लेकिन और पैसा समय पर जमा नहीं करने की वजह से ऑपरेशन के बाद बिना टांका लगाए तीन वर्षीय खुशी मिश्रा की गत शुक्रवार को मौत हो गई।

जानकारी के लिए बताते चले कि सदर तहसील स्थित करेली मोहल्ला निवासी मुकेश मिश्रा की तीन वर्षीय खुशी मिश्रा को पेट की गम्भीर बीमारी के इलाज के लिए यूनाइटेड मेडिसिटी में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों ने ऑपरेशन के सुझाव दिया। पिता मुकेश ने चचेरे भाई के हाथों अपने हिस्से का जमीन बेचकर अस्पताल प्रशासन को दो लाख जमा किया। पिता मुकेश के मुताबिक ऑपरेशन के दौरान अस्पताल प्रशासन ने फौरन और पैसा जमा करने को कहा। मृत बच्ची के परिजन पैसे के इंतजाम में जुट गए। समय पर पैसा नही जमा कर पाने पर बच्ची को बिना टांका लगाए ही ऑपरेशन थियेटर ही नही बल्कि अस्पताल परिसर से बाहर कर दिया गया। आनन-फानन में परिजन बच्ची को लेकर जिला अस्पताल गए जहां से बच्ची को चिल्ड्रन अस्पताल जाने को कहा गया। परिजनों के मुताबिक चिल्ड्रन अस्पताल के डॉक्टरों ने देखते ही कहा कि बच्ची की जान खतरे में है जिला अस्पताल से लाए हो वहीं ले जाओ। पिता मुकेश के मुताबिक जिला अस्पताल में भर्ती तो किया गया, लेकिन बाद में फिर डॉक्टरों ने कहा कि जहां ऑपरेशन कराए हो वहीं ले जाओ। इसके बाद परिजन एक निजी अस्पताल ले गए जहां चिकित्सक एम्बुलेंस में देखकर ही कही और ले जाने को कहा। तब खुशी के परिजन उसे लेकर पुनः यूनाइटेड मेडिसिटी ले गए। परिजनों के मुताबिक देखते ही अस्पताल का गेट बंद कर दिया और वहीं खुशी मिश्रा की मौत हो गई।

बच्ची की मौत के बाद परिजनों ने निजी अस्पताल यूनाइटेड मेडिसिटी प्रशासन पर आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराने पहुँचे, जहां मामला दर्ज करने से मना करते हुए भगा दिया गया। मामला तूल पकड़ते देख जिला प्रशासन सक्रिय हुआ। गत शुक्रवार को खुशी मिश्रा के मौत के बाद जांच कई पहलुओं पर शुरू हो गया। सीएमओ और एडीएम सिटी मामले की जांच कर रहें हैं, लेकिन पांच दिन गुजर जाने के बाद भी जांच किसी मुकाम तक नहीं पहुँचा। परिजनों का आरोप है कि जांच में जिला प्रशासन की ओर से लापरवाही कर मामले की लीपापोती करने की कोशिश हो रही है। मामला राजनीतिक रंग भी लेने लगा है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ की प्रथम महिला अध्यक्ष और शहर पश्चमी से सपा प्रत्याशी ऋचा सिंह ने आरोप लगाया है कि जिला प्रशासन की लापरवाही की वजह से बच्ची की मौत के तीन दिन बाद भी जांच रिपोर्ट नही आया जिससे दोषी व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्रवाई नही हो पाया

मामला तूल पकड़ने पर इसकी जानकारी मिलने पर बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्या डाॅ नीता साहू प्रयागराज पहुँच कर मामले की पूरी जानकारी लीं। डॉ नीता साहू का कहना है कि अपने एससीपीसीआर अध्यक्ष डॉ विजय गुप्ता जी से बात की है और इस प्रकरण की बात उनके संज्ञान में दी है अगर जांच में कोई कमी रहती तो हम उच्च अधिकारियों से इसके लिए बात करेंगे और जांच में पाए जाने वाले दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। और प्रशासन द्वारा हिला हवाली पर उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन की द्वारा इस तरह से हिला हवाली करता रहा तो हम अपने चेयरमैन को प्रयागराज बुलाएंगे और कुछ अधिकारियों से बात करेंगे जिससे जो कुछ भी है जांच में वह खुलकर आपके सबके सामने आए

इस पूरे मामले को लेकर पूरे प्रदेश में चर्चा हो रही है तमाम सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने इसके लिए जिम्मेदार अस्पताल को सील करने की मांग सरकार की। भाकियू की तरफ से अस्पताल के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन कर बिटिया को इंसाफ देने की मांग की गई। हाथ मे तख्तियां लिए सैकड़ों की संख्या में महिलाएं भी प्रदर्शन में शामिल हुई।

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Updated : 12 Oct 2021 10:52 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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