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2019 लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे, अपना दल (एस) के अध्यक्ष आशीष पटेल

2019 लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे, अपना दल (एस) के अध्यक्ष आशीष पटेल
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कानपुर। केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति एवं अपना दल (एस) अध्यक्ष आशीष पटेल फतेहपुर और कन्नौज लोकसभा सीट पर संगठन को मजबूत करने में जुटे हुए हैं। इसके चलते राजनीतिक गलियारों में चर्चा बनी रही कि इन दो सीटों में से किसी एक से आशीष पटेल आगामी लोकसभा चुनाव में उतर सकते हैं। मीडिया ने भी इस तरह की खबरों को खूब तवज्जो दी। लेकिन अब आशीष पटेल ने साफ कर दिया है कि पार्टी दूसरों को मौका देगी और वह खुद एमएलसी तक ही सीमित रहकर संगठन को मजबूती प्रदान करेंगे।

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) सूबे में अपनी जड़े मजबूत करने में जुटी हुई है। खासतौर पर कन्नौज और फतेहपुर में पार्टी के कार्यक्रम अन्य जगहों की अपेक्षा ज्यादा लग रहे हैं। इसकी वजह से चर्चा थी कि पार्टी अध्यक्ष आशीष पटेल कन्नौज या फतेहपुर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे, लेकिन आशीष पटेल ने मंगलवार को हिन्दुस्थान समाचार से खास बातचीत में साफ कहा कि दूसरों को मौका दिया जाएगा और मैं खुद लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ूंगा। अध्यक्ष ने कहा पार्टी ने कन्नौज और फतेहपुर सीट पर दावेदारी की है और पूरी उम्मीद है कि दोनों सीट पर एनडीए की ओर से अपना दल के प्रत्याशी होंगे। इसी को देखते हुए इन सीटों पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है और लगातार कमेरा समाज पार्टी से जुड़कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबका साथ सबका विकास नीति को आगे बढ़ाने का काम कर रहा है।

इस समय कन्नौज सीट से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव सांसद हैं और फतेहपुर सीट से भाजपा की साध्वी निरंजन ज्योति सांसद हैं। साध्वी ने हाल ही के दिनों में हमीरपुर से आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी। वहीं कन्नौज सीट पर अखिलेश यादव ने आगामी लोकसभा चुनाव में खुद ताल ठोकने की घोषणा की है। ऐसे में भाजपा इन दोनों सीटों को अपना दल (एस) के खाते में देकर कानपुर बुन्देलखण्ड के अन्य पिछड़े वर्ग को साधने की कोशिश कर सकती है। हालांकि भाजपा नेता इस पर अभी कुछ बोलने को तैयार नहीं है पर अंदरखाने इस रणनीति से पूरी तरह वाकिफ है। यही वजह है ​कि भाजपा ने खासतौर पर कन्नौज सीट पर सक्रियता कम कर दी है।

प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष दे चुके हैं संकेत

बताते चलें बीते माह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने वाराणसी और मिर्जापुर के दौरा कर चुके हैं। उस दौरान भाजपा की ओर से यह भी संकेत दिये गये थे कि आगामी लोकसभा चुनाव में अपना दल (एस) की भागीदारी बढ़ेगी। इसके चलते राजनीतिक गलियारों में चर्चा बनी हुई है कि आगामी लोकसभा चुनाव में अपना दल (एस) को पांच से सात सीटे मिल सकती हैं। हालांकि पार्टी 15 सीटों पर दावेदारी करने का मन बना चुकी है। इसी को देखते हुए वह कुर्मी बाहुल्य सीटों पर ध्यान केन्द्रित कर रही है।

उत्तर प्रदेश कैबिनेट में आशीष को मिल सकती है जगह

भाजपा रणनीतिकार अपना दल (एस) को अपना मजबूत साथी बताकर अन्य पिछड़े वर्ग को अपने पाले में करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वहीं अपना दल (एस) भी लगातार गरीब वंचित व कमजोर लोगों को पार्टी से जोड़ रहा है। सूत्रों का कहना है आगामी लोकसभा चुनाव से पहले अपना दल (एस) अध्यक्ष आशीष पटेल को उत्तर प्रदेश कैबिनेट में जगह दी जा सकती है। इसके जरिए अन्य पिछड़े वर्ग का वोट बैंक और मजबूत करने का काम किया जाएगा। सूत्रों की इस बात को मंगलवार को और बल तब मिल गया जब पार्टी अध्यक्ष ने अपने को खुद एमएलसी तक सीमित रहने की बात कही।

इन जनपदों पर अपना दल एस की मजबूत पकड़

अपना दल एस वैसे तो पूरे प्रदेश में संगठन को मजबूत करने में जुटा है पर उसकी मजबूत पकड़ कुर्मी बाहुल्य जनपदों पर ही है। जिसके चलते पार्टी कुर्मी बाहुल्य जनपद संतकबीर नगर, मिर्जापुर, सोनभद्र, बरेली, जालौन, उन्नाव, फतेहपुर, प्रतापगढ़, कौशांबी, इलाहाबाद, सीतापुर, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, फैजाबाद, कानपुर देहात, फर्रूखाबाद, कन्नौज, जौनपुर, गोंडा आदि जनपदों में बूथ स्तर पर संगठन को खड़ा करने की तैयारी में है। बताया जा रहा है इन जनपदों में 6 से 11 फीसदी कुर्मी वोट हैं, जो जीतते को हराने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। वहीं पूरे प्रदेश की बात की जाये तो यादवों के बाद अन्य पिछड़े वर्ग का सबसे बड़ा चेहरा कुर्मी मतदाता हैं।

Updated : 28 Aug 2018 1:56 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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