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उपद्रव : योगी हमीरपुर मामले में सख्त, पुलिस अधीक्षक पर गिर सकती है गाज

उपद्रव : योगी हमीरपुर मामले में सख्त, पुलिस अधीक्षक पर गिर सकती है गाज
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लखनऊ/स्वदेश वेब डेस्क। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जनपद में कंस मेले को लेकर हुए उपद्रव और पुलिस की लापरवाही को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले को संज्ञान में लिया है। मंगलवार की देर रात डीजीपी को तलब कर इस प्रकरण की पूरी रिपोर्ट ली है। विभागीय सूत्रों की माने तो पुलिस अधीक्षक पर गाज गिर सकती है।

जनपद के मौदहा कस्बे में सोमवार से शुरु हुए उपद्रव को शांत कराने में जिला व पुलिस प्रशासन को मंगलवार की शाम तक जुझना पड़ा। यहां तक मुख्यमंत्री पल-पल की खबर गृह प्रमुख सचिव अरविन्द कुमार व पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह से ले रहे थे। बिगड़ी स्थिति को संभालने के लिए जिलाधिकारी आरपी पाण्डेय ने अघोषित कर्फ्यू लगा दिया, तब जाकर मामला शांत हो पाया। शहर में बवाल क्यों हुआ, इसके पीछे क्या कारण था। इसको जानने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार की देर रात डीजीपी को तलब कर लिया। डीजीपी ने पूरे मामले की जानकारी और कितनी जल्द पुलिस ने इस स्थिति पर काबू पाया, इस बारे में पूरी जानकारी मुख्यमंत्री को दी। विभाग के सूत्रों की माने तो हमीरपुर में हुए बवाल को लेकर कई जगहों पर पुलिस प्रशासन की अनियमितता पायी गई है। इस पर पुलिस अधीक्षक अजय सिंह पर जल्द ही गाज गिर सकती है। साथ ही कई अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाही भी होने की सम्भवानाएं हैं।

गौरतलब है कि जनपद के मौदहा कस्बे में करीब डेढ़ सौ वर्ष पुराना ऐतिहासिक कंस वध मेला की झांकियां निकालने को लेकर दो समुदाय में तनातनी सोमवार की शाम से शुरू हुई जो मंगलवार की शाम तक कायम रही। जैसे ही गल्ला आढ़ती संघ व व्यापार मंडल के लोगों ने कंस मेले की झांकियों को दूसरे समुदाय के इलाके से निकालने की कोशिश की तो हिंसा भड़क गई। लोगों ने जमकर पत्थरबाजी की। पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़कर उपद्रवियों ने जमकर पुलिस बल पर पथराव कर दिया। इसमें अपर पुलिस अधीक्षक एलएस यादव व एक दरोगा सहित सात सिपाही गंभीर रुप से घायल हो गये। मामले का बीच-बचाव करने आये सांसद पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल, पूर्व सांसद गंगाचरण राजपूत, भाजपा जिलाध्यक्ष संत विलास शिवहरे, कोआपरेटिव बैंक महोबा के अध्यक्ष चक्रपाणि त्रिपाठी, नगर पालिका परिषद हमीरपुर के चेयरमैन कुलदीप निषाद समेत तमाम लोग मौके पर पहुंचे थे जो बवाल होते ही जान बचाकर भागे। जनप्रतिनिधियों में इस घटना को लेकर आक्रोश व्याप्त है।

बताया जाता है कि बिगड़ी स्थिति को काबू में करने के लिए जिलाधिकारी आरपी पाण्डेय को अघोषित कर्फ्यू लगाना पड़ा था। इसके बाद पुलिस और पीएसी ने बवाल को शांत कराने के लिए जमकर लाठिया भाजीं। इसमें कई राहगीर भी पीटे गये थे। तब जाकर स्थिति पर नियत्रंण करने में पुलिस सफल हो पायी थी। जिलाधिकारी आरपी पाण्डेय का कहना है कि स्थिति पूरी तरह से पुलिस के नियत्रंण में है। उपद्रव करने वालों को चिन्हित कर रासुका के तहत कार्रवाई की जा रही है।

Updated : 26 Sep 2018 3:05 PM GMT
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स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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