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भारत विभाजन विरोधी संतों के आंदोलन में पंचखंड पीठ की थी अग्रणी भूमिकाः आदित्यनाथ

ब्रह्मलीन आचार्य धर्मेंद्र के उत्तराधिकारी स्वामी सोमेंद्र के चादरपोशी कार्यक्रम में शामिल हुए योगी

भारत विभाजन विरोधी संतों के आंदोलन में पंचखंड पीठ की थी अग्रणी भूमिकाः आदित्यनाथ
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जयपुर/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ गुरुवार को श्री पंचखंड पीठाधीश्वर ब्रह्मलीन आचार्य धर्मेंद्र महाराज के उत्तराधिकारी स्वामी सोमेन्द्र शर्मा के चादरपोशी कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आदित्यनाथ सुबह गोरखपुर से सीधे राजस्थान पहुंचे।

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने जयपुर जिले के विराटनगर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते कहा कि हम सब जानते हैं कि समर्थ गुरु रामदास जी ने एक अखंड हिंदवी साम्राज्य के लिए छत्रपति शिवाजी जैसा सर्वश्रेष्ठ महान योद्धा देश को दिया था। उसी परंपरा अनुरूप भक्ति शक्ति की खोज के लिए राजस्थान के इस विराटनगर में श्री पंचखंड पीठ ने अग्रणी भूमिका निभाई है। भारत विभाजन के विरोध में संतों ने जो आंदोलन चलाया, उसमें भी इस पीठ की अग्रणी भूमिका थी। योगी ने कहा कि 1966 के गौरक्षा आंदोलन में भी श्री पंचखंड पीठ ने बड़ी भूमिका निभाई। तब गौशाला के नाम पर एक सीख आचार्य धर्मेंद्र ने दी थी। इसी से गौरक्षा की परंपरा से आम जनमानस आगे जुड़ा।

योगी ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन 1949 से शुरू हुआ। कुछ कालखंड के बाद पूरे देश में विश्व हिंदू परिषद के माध्यम से इस आंदोलन को धार दी गई, लेकिन संतों ने बिना फल की इच्छा के इसे आगे बढ़ाया। आज अयोध्या में वह साकार हो रहा है। अब तक 50 फीसदी से ज्यादा निर्माण कार्य हो चुका है। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण कार्य के शुभारंभ के दौरान जब आचार्य धर्मेंद्र अयोध्या पधारे तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। संतों ने अपने कर्तव्यों का हमेशा पालन किया। विषम परिस्थितियों में भी किसी की परवाह नहीं की। इसी का परिणाम है कि विराट हिंदू समाज आज आचार्य धर्मेंद्र जी का सम्मान करता है। आज भले ही वह हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन सनातन धर्म के प्रति किये गए उनके कार्य उन्हें हमेशा हमारे बीच बनाये रखेगा। सनातन धर्म की रक्षा के लिए हर आंदोलन में आचार्य धर्मेंद्र ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। गोरक्षपीठ के साथ उनका संबंध तीन पीढ़ियों का था। मैं गोरक्षपीठ की तरफ से उन्हें नमन करता हूं।

आदित्यनाथ ने कहा, मुझे प्रसन्नता है कि आचार्य जी की परंपरा को स्वामी सोमेंद्र जी द्वारा निर्वाहन करने के लिए प्रण लिया गया है। स्वामी सोमेंद्र महराज़ आचार्य जी की परंपरा को आगे बढ़ाएंगे। उनके प्रति और श्री पंचखंड पीठ के साथ हमारी सद्भावना है। आप सभी भक्तों, शुभचिंतकों के प्रति अपना आभार प्रकट करता हूं। इसके पहले, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के विराटनगर पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। आदित्यनाथ सुबह गोरखपुर से सीधे राजस्थान पहुंचे। कार्यक्रम के बाद वह लखनऊ लौटेंगे।

Updated : 6 Oct 2022 12:55 PM GMT
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स्वदेश डेस्क

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