पीसीएफ : वाल्मीकि बने सभापति तो रमाशंकर हुए उपसभापति
- ढेर हुआ सहकारिता में मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव का तीन दशक पुराना किला
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भाजपा और सहकार भारती ने खाली कराया 30 साल से पुराना कब्जा, कुर्सी से हटे निवर्तमान सभापति आदित्य यादव
लखनऊ/अतुल मोहन सिंह। उत्तर प्रदेश के सहकारिता क्षेत्र में मुलायम और शिवपाल के तीन दशक पुराने सहकारिता की सियासत के किले को बीजेपी ने ध्वस्त कर दिया है। अब शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव को सभापति की कुर्सी से हटाकर मंगलवार को पीसीएफ के सभापति पद पर बलिया निवासी भाजपा के वाल्मीकि त्रिपाठी निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। वहीं, उप सभापति की कुर्सी पर गोरखपुर निवासी रमाशंकर जायसवाल विराजमान हो गए। वाल्मीकि त्रिपाठी बीजेपी के सहकारिता प्रकोष्ठ से जुड़े रहे और रमा शंकर जायसवाल आरएसएस के अनुषांगिक संगठन सहकार भारती से जुड़े हैं। बीजेपी ने पीसीएफ के प्रबंध समिति में सभी सदस्य बीजेपी और आरएसएस से जुड़े ही बनाए हैं।
केन्द्र में अमित शाह के पास सहकारिता विभाग आते ही बीजेपी ने यूपी में योगी आदित्यनाथ और सुनील बंसल के नेतृत्व में सहकारिता क्षेत्र में पैठ बनानी तेज कर दी और चुनौती बने सपा परिवार के इस दुर्ग को भी जीतने के लिए बीजेपी ने कमर कस ली। प्रदेश में जेपीएस राठौर को सहकारिता विभाग की जिम्मेदारी दी गई। जे.पी.एस. उत्तर प्रदेश बीजेपी संगठन के बड़े चेहरे रहे हैं। लोकसभा, निकाय, पंचायत और विधानसभा चुनावों में चुनावी प्रबंधन की कमान जे.पी.एस. ने संभाली थी। यही वजह है कि सहकारिता की भी जिम्मेदारी जेपीएस राठौर को दी गई। सपा के इस दुर्ग को भी बीजेपी ने भेदते हुए पूरी तरह से सहकारी समितियों में सपा का सफाया कर दिया। यूपी में यह पहला मौका है जब समाजवादी पार्टी सहकारिता की किसी भी शीर्ष संस्था पर काबिज नहीं रह गई है।
इन सहकारी संस्थाओं पर बीजेपी का कब्जा : उत्तर प्रदेश में 7500 सहकारी समितियां हैं, जिनमें लगभग एक करोड़ सदस्य संख्या है। बीजेपी ने इन समितियों पर अपना कब्जा जमा लिया है। प्रदेश की शीर्ष सहकारी संस्थाओं की बात करें तो इनमें उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड, उत्तर प्रदेश सहकारी बैंक लिमिटेड, उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम्य विकास बैंक, उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ, उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण एवं श्रम विकास सहकारी संघ, उत्तर प्रदेश राज्य उपभोक्ता सहकारी संघ लिमिटेड, उत्तर प्रदेश जूट सहकारी संघ लिमिटेड, उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव यूनियन लिमिटेड प्रमुख हैं। सिर्फ पीसीएफ पर ही सपा विधायक शिवपाल यादव के लड़के आदित्य यादव का कब्जा था। मंगलवार से इस कुर्सी पर भी बीजेपी काबिज हो गई है। अब सहकारिता क्षेत्र की सियासत से सपा दूर हो चुकी है। बीजेपी ने सहकारिता क्षेत्र की सभी संस्थाओं पर अपना एकाधिकार जमा लिया है।
1977 में मुलायम बने थे सहकारिता मंत्री : वर्ष 1977 में मुलायम सिंह यादव पहली बार सहकारिता मंत्री बने और वहीं से उन्होंने सहकारिता को अपना सियासी हथियार बना लिया। मुलायम सिंह यादव जब मुख्यमंत्री रहे, तब भी इस विभाग को या तो अपने पास रखा या फिर अपने छोटे भाई शिवपाल यादव को सौंपा। समाजवादी पार्टी ने अपनी राजनीति में सहकारिता का भरपूर इस्तेमाल किया। सहकारिता से जुड़ी यूपी की सभी संस्थाओं पर मुलायम और शिवपाल का ही वर्चस्व रहा।
ये हुए निर्विरोध निर्वाचित : पीसीएफ के प्रबंध समिति में जो 11 सदस्य निर्विरोध जीते हैं इनमें बीजेपी के सहकारिता प्रकोष्ठ और आरएसएस के वैचारिक संगठन सहकार भारती से जुड़े लोग शामिल हैं। गोरखपुर से रमा शंकर जायसवाल, कानपुर से आनंद किशोर, अलीगढ़ से अनुराग पांडेय, बरेली से राकेश गुप्ता, प्रयागराज से अमरनाथ यादव, बलिया से वाल्मीकि त्रिपाठी, झांसी से पुरुषोत्तम पांडेय, मेरठ से कुंवर पाल, लखनऊ से विश्राम सिंह एवं राम बहादुर सिंह, मुरादाबाद से रमेश प्रबंध समिति के लिए निर्विरोध सदस्य निर्वाचित हुए हैं।
नवनिर्वाचित पीसीएफ सभापति और उपसभापति का स्वागत, सहकार भारती कार्यालय में पहुंचे वाल्मीकि त्रिपाठी और रमा शंकर जायसवाल का अभिनन्दन
बलिया के वाल्मीकि त्रिपाठी और गोरखपुर के रमा शंकर जायसवाल उत्तर प्रदेश पीसीएफ के सभापति एवं उपसभापति निर्वाचित होने के बाद मंगलवार शाम को सहकार भारती के कार्यालय पर पहुंचे। लखनऊ के दारुलशफा स्थित सहकार भारती के प्रदेश कार्यालय में सहकारी जनों ने दोनों पदाधिकारियों का माल्यार्पण कर अभिनंदन किया। इस दौरान सहकार भारती प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र उपाध्याय, प्रदेश संगठन प्रमुख डॉ. अरुण कुमार सिंह, प्रदेश महामंत्री डॉ. प्रवीण सिंह जादौन, प्रदेश उपाध्यक्ष हीरेन्द्र मिश्र, प्रदेश मंत्री अनिल शर्मा, महेंद्र सोनी केके ओझा, प्रदेश कोषाध्यक्ष शिवेंद्र प्रताप सिंह, संपर्क प्रमुख अशोक कुमार शुक्ल, सह प्रमुख अनंत कुमार मिश्र, विपणन प्रकोष्ठ प्रमुख सुरेंद्र सिंह चौहान, सह प्रमुख उमाकांत शर्मा, प्रदेश मीडिया प्रभारी विवेक कुमार राय, सोशल मीडिया प्रमुख डॉ. अतुल मोहन सिंह, विभाग संयोजक विजय कुमार पांडेय, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुरजीत सिंह राठौर, महानगर संगठन प्रमुख रवितेश सिंह, अध्यक्ष पीयूष मिश्रा, महामंत्री संजय चौहान, जिलाध्यक्ष जालौन उपेंद्र सिंह राजावत, जिलाध्यक्ष बलिया अखिलेश त्रिपाठी भी मौजूद रहे।
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