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लखनऊ : एप्पल मैनेजर को पुलिस कर्मियों ने मारी गोली, मौत

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर से निकली गोली, मुख्यमंत्री ने डीजीपी को दिए जांच के आदेश

लखनऊ : एप्पल मैनेजर को पुलिस कर्मियों ने मारी गोली, मौत
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लखनऊ/स्वदेश वेब डेस्क। उत्तर प्रदेश की पुलिस जिसे चाहे उसे अपराधी बनाकर उसका एनकाउंटर कर दे। अलीगढ़ एनकाउंटर मामले में अभी पुलिस उबर नहीं पायी थी कि राजधानी लखनऊ की पुलिस एक एनकाउंटर में फंस गई है। संदिग्ध मानकर पुलिस ने शुक्रवार देर रात एप्पल कम्पनी के मैनेजर को गोली मार दी। अस्पताल में इलाज के दौरान युवक ने दम तोड़ दिया। पोस्टमार्टम में विवेक के सिर से गोली निकली है। ठोढ़ी से सिर में जाकर गोली फंस गई थी। डॉक्टरों ने विसरा को सुरक्षित कर लिया है। पुलिस ने आरोपी सिपाहियों को गिरफ्तार कर चश्मदीद गवाह सना को नजरबंद कर लिया। मामले को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीरता से लेते हुए डीजीपी को जांच के आदेश दिये हैं। उधर, विवेक के परिवार ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की है।

राजधानी के गोमतीनगर इलाके में पुलिस की गोली से मारे गए विवेक तिवारी हत्याकाण्ड में दोनों आरोपी सिपाहियों को बर्खास्त कर दिया गया है। मामले की मजिस्टीरियल जांच करायी जाएगी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने बताया कि एसपी क्राइम के नेतृत्व में एसआईटी का गठन कर दिया गया है। दो आरोपी सिपाहियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

सुल्तानपुर जनपद निवासी विवेक तिवारी लखनऊ में एप्पल कंपनी के एरिया मैनेजर थे। परिवार में पत्नी कल्पना व दो बेटियां शिवी और शानू हैं। विवेक के साथ काम करने वाली महिला सना का आरोप है कि शुक्रवार रात करीब 1.30 बजे गोमतीनगर इलाके में वह अपने सहकर्मी विवेक उर्फ विनय तिवारी के साथ कार से जा रही थीं। सीएमएस गोमतीनगर के पास सामने से सफेद अपाचे सवार दो पुलिसकर्मी आए। कार को रोकने के लिए इशारा किया तो विवेक ने कार को साइड में करने के लिए आगे बढ़ा दिया। इसी बीच सिपाहियों ने बिना-सोचे समझे गोली चला दी, जो विवेक की ठोढ़ी में जा लगी। इसके बाद हमलावर सिपाही मौके से फरार हो गये। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस विवेक को अस्पताल लेकर पहुंची, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक के परिजनों ने सिपाहियों पर हत्या का आरोप लगाकर मामले की सीबीआई जांच की मांग की है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कलानिधि नैथानी ने शनिवार को पत्रकार वार्ता में बताया कि यह एनकाउंटर नहीं था। आरोपी सिपाहियों ने शुरूआती तौर पर अपने बयान में कहा है कि उन्हें लगा कार सवार शख्स उन पर गाड़ी चढ़ा देगा, इसीलिए उन्हें गोली चलायी, जिसमें एप्पल कम्पनी के मैनेजर विवेक की मौत हो गई। एसएसपी के मुताबिक फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन अगर ऐसी कोई सम्भावना थी तो भी सीधे गोली नहीं मारनी चाहिए थी। दोनों सिपाही दोषी हैं, इसलिए उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है। इसके साथ ही उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मामले की जांच के लिए एसपी क्राइम के नेतृत्व में एसआईटी का गठन कर दिया गया है। वहीं उन्होंने विवेक के साथ मौजूद उसकी सहकर्मी और घटना की चश्मदीद गवाह के सामने नहीं आने पर नजरबंद के सवाल पर कहा कि पुलिस ने उसे नजरबंद नहीं किया है। वह फिलहाल सहमी हुई है। वह जब चाहे अपना बयान दे सकती है। मीडिया से बातचीत कर सकती है। मामला गंभीर है। इसलिए शव के पोस्टर्माटम की भी वीडियो रिकार्डिंग करायी गई। वहीं मामले की मजिस्टीरियल जांच के लिए जिलाधिकारी से अपील की गई है। पूरे मामले की इसकी निष्पक्ष जांच करायी जा रही है।

इस मामले में अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था आनंद कुमार ने बताया कि अब तक पुलिस की तहकीकात में जो सामने आया है। उसमें दोनों सिपाहियों की गलती पायी गई है। अगर विवेक गाड़ी नहीं रोक रहा था तो सिपाहियों को टायर में गोली चलानी चाहिये थी सिर पर गोली नहीं मारनी चाहिए थी। उनके पास अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आयी है।

गौरतलब है कि शुक्रवार की देर रात करीब पौने दो बजे सीएमएस गोमतीनगर विस्तार के पास कार खड़ी थी। कार में महिला और युवक को देखकर सामने से आये सिपाही प्रशांत और संदीप ने उतरने के लिए कहा। लेकिन विवेक ने कार को आगे बढ़ा दी। इसके बाद सिपाहियों ने युवक को गोली मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई।

Updated : 30 Sep 2018 11:34 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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