Home > राज्य > उत्तरप्रदेश > लखनऊ > नौकरशाहों के कामकाज से परेशान मंत्रियों की बढ़ रही नाराजगी

नौकरशाहों के कामकाज से परेशान मंत्रियों की बढ़ रही नाराजगी

  • सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को संबोधित जल शक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटीक का इस्तीफा
  • उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह के बाद अब लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद ने जताई नाराजगी

नौकरशाहों के कामकाज से परेशान मंत्रियों की बढ़ रही नाराजगी
X

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने के साथ ही तबादले के 'खेल' ने प्रदेश में हलचल मचा दी है। योगी सरकार के तीन मंत्री इन दिनों चर्चा के केंद्र में हैं। पहले तो उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक एवं राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के तबादलों पर सवाल उठाए। अब मुख्यमंत्री योगी ने मंत्री जितिन प्रसाद के लोक निर्माण विभाग में तबादले पर जांच बैठा दी है। वहीं, जल शक्ति विभाग में तबादलों को लेकर भी खींचतान की बात कही जा रही है। ऐसे में जल शक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटीक भी सुर्खियों में हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को संबोधित उनका इस्तीफा सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि मंत्रियों का आरोप है कि राज्य में नौकरशाही मजबूत हो गए और वह अपने मनमुताबिक कार्य कर रहे हैं।

गौरतलब हो कि जितिन प्रसाद के लोक निर्माण विभाग में 350 से अधिक इंजीनियरों का तबादला किया गया था। इसमें 200 अधिशासी अभियंता और 150 से अधिक सहायक अभियंता शामिल हैं। लोक निर्माण विभाग में तबादलों को लेकर मुख्यमंत्री योगी ने न सिर्फ जांच बैठा दी है, बल्कि मंत्री जितिन प्रसाद के विशेष कार्य अधिकारी अनिल कुमार पांडेय को भी नाप दिया है। मुख्यमंत्री योगी ने विभागाध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता सहित आधा दर्जन वरिष्ठ अभियंताओं को भी निलंबित कर दिया है। सरकार ने केंद्र से प्रतिनियुक्ति पर आए अपर सचिव अनिल पांडेय के खिलाफ भी सतर्कता जांच और विभागीय कार्रवाई की सिफारिश तक कर दी है। कांग्रेस छोड़कर योगी सरकार में मंत्री बने जितिन प्रसाद के विभाग ने ऐसे अफसरों का भी तबादला किया गया, जो जिंदा भी नहीं हैं। जूनियर इंजीनियर घनश्याम दास का तबादला झांसी में कर दिया गया, जिनका तीन साल पहले निधन हो गया था। इसी तरह राजकुमार का इटावा से ललितपुर में तबादला हुआ, जबकि इस नाम का कोई भी व्यक्ति विभाग में नहीं है। ऐसे कई कर्मचारियों को बहुत दूर स्थानांतरित कर दिया गया था जब वे एक या दो साल के भीतर सेवानिवृत्त होने वाले थे।

तबादलों में गड़बड़ी को लेकर चर्चा में हैं जितिन -

लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद पीडब्ल्यूडी विभाग में तबादलों में गड़बड़ी को लेकर चर्चा का केंद्र बने हुए हैं। लोक निर्माण विभाग में बड़ी कार्रवाई के बाद मंत्री जितिन प्रसाद नाराज हैं, लेकिन उनकी नाराजगी अभी खुलकर सामने नहीं आई है। माना जा रहा है कि दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद जितिन प्रसाद तबादलों पर जांच और कार्रवाई को लेकर अपनी बात रख सकते हैं। हालांकि इसी बात को लेकर जितिन प्रसाद ने मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी से भी मुलाकात की थी।

दिनेश खटीक भी नाराज -

योगी सरकार के तीसरे मंत्री दिनेश खटीक को भी गुस्सा बताया जा रहा है। दिनेश खटीक की नाराजगी को लेकर कहा जा रहा है कि जल शक्ति मंत्रालय में राज्य मंत्री होने के बावजूद अधिकारी उनकी बात नहीं सुनते हैं। दिनेश खटीक ने कई तबादलों की सूची दी थी, लेकिन अधिकारियों ने उन्हें कैबिनेट मंत्री से बात करने को कहा था। चर्चा है कि दिनेश खटीक ने मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा सौंप दिया है और वह किसी अनजान जगह पर चले गए हैं। हालांकि, सरकार ने इस तरह की खबरों का खंडन किया है। उनका वायरल हो रहा इस्तीफा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को संबोधित है। सूत्र बताते है कि मंत्री जितिन प्रसाद एवं दिनेश खटीक बुधवार को दिल्ली दरबार में हाजिरी लगाने पहुंच चुके हैं। ऐसी चर्चा भी है कि दोनों नाराज मंत्री केंद्रीय गृह मंत्री एवं पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भेंट कर अपना पक्ष रखेंगे।

कैबिनेट मंत्री नहीं देते हैं तवज्जो -

दिनेश खटीक मेरठ के हस्तिनापुर से दूसरी बार विधायक चुने गए और लगातार दूसरी बार योगी सरकार में राज्य मंत्री बनाए गए। सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को जब सभी मंत्रियों के साथ बैठक की तो दिनेश खटीक वहां नहीं पहुंचे। किसान भवन में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में राज्य मंत्री दिनेश खटीक पहुंचे थे, लेकिन बैठक बीच में ही छोड़कर चले गए। चर्चा है कि तबादलों को लेकर कुछ झगड़ा हुआ था, जिसमें उनकी बात नहीं सुनी गई। उन्होंने सरकारी गाड़ी और सुरक्षा भी छोड़ दी है। यह भी कहा जा रहा है कि दिनेश खटीक से कोई संपर्क नहीं कर पा रहा है। उनके दोनों मोबाइल नंबर बंद हैं।

बृजेश पाठक के विभाग में तबादले का 'खेल' -

इससे पहले योगी सरकार में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के स्वास्थ्य मंत्रालय में भी तबादले का खेल सामने आया था। स्वास्थ्य विभाग में तबादलों को लेकर कई तरह की आपत्ति थी। डॉक्टरों का आरोप था कि तबादला नीति को दरकिनार कर तबादले किए गए। एक जिले में तैनात पति-पत्नी का तबादला अलग-अलग जिलों में कर दिया गया। स्वास्थ्य विभाग में तबादले पर खुद उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक एवं राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने सवाल उठाए थे। दोनों मंत्रियों ने इस मामले में विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद से जवाब भी तलब किया था। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी ने तबादलों पर जांच बैठा दी है।

अपने विभाग में एक्टिव हैं बृजेश पाठक -

योगी सरकार में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक 2017 के चुनाव से पहले बसपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे और योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में दिनेश शर्मा की जगह उन्हें डिप्टी सीएम बनाया गया था। उन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। ब्रजेश पाठक एक बार अचानक अस्पताल जाने के कारण चर्चा में थे, तो अब अपने विभाग के ट्रांसफर और पोस्टिंग के खेल के साथ।

मुख्यमंत्री योगी की मंत्रियों को सलाह -

लोक निर्माण विभाग में तबादलों में भ्रष्टाचार पर अफसरों के गिर जाने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों को अपने कार्यालय और निजी कर्मचारियों पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि अपने ऑफिस और घर के स्टाफ पर नजर रखें। मंत्रियों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनका स्टाफ क्या कर रहा है। लोकभवन में मंगलवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में मुख्यमंत्री ने सख्त लहजे में कहा था कि मंत्रियों को ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ काम करना चाहिए। भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की एक भी घटना बर्दाश्त नहीं की जाएगी। स्थानांतरण में खेल देख मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जल्दबाजी में फाइल पर हस्ताक्षर न करें। कोई भी फैसला मेरिट के आधार पर ही करें। वहीं, योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कैबिनेट मंत्री अपने प्रदेश के मंत्रियों से समन्वय स्थापित कर विभागीय कार्यों में सहयोग लें और उन्हें बैठकों में भी शामिल करें।

Updated : 13 April 2024 12:57 PM GMT
Tags:    
author-thhumb

स्वदेश डेस्क

वेब डेस्क


Next Story
Top