Home > राज्य > उत्तरप्रदेश > लखनऊ > एक्शन मोड में मुख्यमंत्री योगी, 18 सौ से ज्यादा सम्पत्तियों से हटेगा अवैध कब्जा

एक्शन मोड में मुख्यमंत्री योगी, 18 सौ से ज्यादा सम्पत्तियों से हटेगा अवैध कब्जा

किरायेदारों के कब्जे की शत्रु संपत्ति का मूल्यांकन कर दरों में भी हो सकता है संशोधन

एक्शन मोड में मुख्यमंत्री योगी, 18 सौ से ज्यादा सम्पत्तियों से हटेगा अवैध कब्जा
X

लखनऊ। माफिया पर चाबुक चलाने के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब शत्रु संपत्तियों पर अवैध कब्जा करके बैठे लोगों के खिलाफ बड़ा एक्शन लेने जा रही है। प्रदेश में ऐसा पहली बार होगा जब इन संपत्तियों से अतिक्रमण हटाने के लिए प्रमुख सचिव स्तर का नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। प्रदेश में मौजूद कुल 5936 शत्रु संपत्तियों में से 1826 पर अवैध कब्जेदार कब्जा करके बैठे हैं। एक उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता का कहना है कि उत्तर प्रदेश में शत्रु संपत्तियों को लेकर पूर्ववर्ती सरकारों का रवैया हमेशा उदासीन रहा है। हजारों करोड़ रुपए की ऐसी संपत्तियां जिनसे प्रदेश सरकार को अरबों रुपए का राजस्व मिल सकता था, उनको मुक्त कराने के लिए पहले की सरकारों ने कुछ नहीं किया और हाथ पर हाथ धरे बैठी रहीं। इसी उदासीनता का नतीजा है कि अवैध कब्जेदार इन पर आज भी काबिज हैं और नये निर्माण भी कर चुके हैं। सीएम योगी ने इन बेशकीमती संपत्तियों के महत्व को समझते हुए और प्रदेश के राजस्व को बढ़ाने के लिए ऐसे अवैध कब्जेदारों पर चाबुक चलाने का निर्णय लिया है।

प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश भूलेख की वेबसाइट http://upbhulekh.gov.in को देखें तो 1467 शत्रु संपत्तियों पर माफिया और अवैध कब्जेदारों ने कब्जा कर रखा है, जबकि 369 पर सहकब्जेदारों का कब्जा है। वहीं 424 संपत्तियों पर कांग्रेस, जनता पार्टी, बसपा और सपा सरकारों के कार्यकाल में मामूली दरों पर किराये पर दिए गए किरायेदार काबिज हैं। इस तरह प्रदेश में मौजूद 2250 शत्रु संपत्तियों पर किसी न किसी का कब्जा है। शत्रु संपत्तियों पर सबसे ज्यादा अवैध कब्जा शामली जिले में है। वहीं सहकब्जेदारों द्वारा कब्जा करने के मामले में लखनऊ पहले स्थान पर है। साथ ही लखनऊ में किरायेदारों के कब्जे में भी सबसे ज्यादा संपत्तियां हैं।

किरायेदारों की सम्पत्तियों का दोबारा होगा मूल्यांकन

उन्होंने बताया कि सरकार किराए पर दी गई संपत्तियों का दोबारा मूल्यांकन भी कराने जा रही है। इन पर दशकों से काबिज किराएदार अभी तक मामूली किराया देते रहे हैं। इसको देखते हुए शत्रु सम्पत्तियों का बाजार दर के हिसाब से आंकलन किया जाएगा। उसके बाद फिर से सर्किल रेट के हिसाब से किराए की दरें तय की जाएंगी।

क्या है शत्रु संपत्ति

भारत विभाजन के बाद बहुत सारे लोग अपनी सम्पत्ति हिन्दुस्थान में छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे, उनकी सम्पत्ति सहित 1962 के भारत-चीन और 1965 के भारत-पाक युद्ध के बाद भारत सरकार ने इन देशों के नागरिकों की सम्पत्तियों को सीज कर दिया। इन्हीं सम्पत्तियों को शत्रु सम्पत्ति कहा जाता है।

अवैध कब्जे के मामले टॉप तीन जिले

जिला शत्रु संपत्ति अवैध कब्जा

  • शामली 482 268
  • कौशाम्बी 456 197
  • सीतापुर 378 111

किराएदारों के कब्जे के मामले में टॉप तीन जिले

जिला शत्रु सम्पत्ति किराएदार

  • लखनऊ 361 105
  • मुजफ्फरनगर 274 85
  • बदायूं 250 65

सह खातेदारों द्वारा कब्जे के मामले ये तीन जिले आगे

जिला शत्रु संपत्ति सह खातेदार

  • लखनऊ 361 57
  • जौनपुर 57 40
  • देवरिया 51 36

Updated : 6 Nov 2022 1:10 PM GMT
Tags:    
author-thhumb

स्वदेश डेस्क

वेब डेस्क


Next Story
Top