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मुख्यमंत्री योगी ने कहा - स्वाधीनता का अर्थ राजनीतिक स्वतंत्रता नहीं

मुख्यमंत्री योगी ने कहा - स्वाधीनता का अर्थ राजनीतिक स्वतंत्रता नहीं
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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 72वें स्वतंत्रता दिवस पर विधान भवन पर ध्वजारोहण किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमारा देश दुनिया के प्राचीनतम राष्ट्रों में है। हजारों वर्षों की परंपरा के हम सब वारिस हैं। सब कुछ होने के बावजूद यह देश क्यों गुलाम हुआ, आज का अवसर हम सबको इसका चिंतन करने का अवसर देता है। उन्होंने कहा कि गुलामी की बेड़ियों में जकड़ने के पीछे कुछ कारण अवश्य रहा होगा। हम संकल्प लें कि जिन कारणों से हम गुलाम हुए, उसे स्वाधीन भारत में पनपने नहीं देंगे। क्षेत्र, जाति और सम्प्रदाय के नाम पर किसी के साथ भेदभाव न हो, स्वतंत्रता दिवस का अवसर हमें इस प्रेरणा को लेकर आगे बढ़ने का अवसर दे रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वाधीनता का अर्थ केवल व्यक्तिगत स्वतंत्रता नहीं हो सकता। स्वाधीनता का अर्थ राजनीतिक स्वतंत्रता नहीं हो सकता, स्वच्छंदता भी नहीं हो सकता। आज का दिन हमें स्वतंत्रता की मूल भावना को समझने का अवसर भी देता है।

प्रधानमंत्री आवास योजना और शौचालय बनाने में उ.प्र. पहले स्थान पर

उन्होंने इस मौके पर अपनी सरकार के जनहित कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि जिनके सिर पर छत नहीं थी, उनको प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास दिया गया। 8 लाख 85 हजार ग्रामीणों को और 4 लाख 38 हजार शहरी लोगों को आवास देकर देश में उत्तर प्रदेश ने पहला स्थान प्राप्त किया। इसी तरह इज्जत घर देने में भी प्रदेश ने अग्रणी स्थान प्राप्त किया। खाद्यान्न और गन्ना उत्पादन में प्रदेश ने महत्वपूर्ण बढ़त ली है। वहीं प्रदेश में सुरक्षा व प्रशासनिक अमले में अमूल-चूल परिवर्तन की वजह से 4 लाख 68 हजार करोड़ रु. के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए।

हर क्षेत्र में नए कार्य किए बहुत कुछ प्राप्त करना है अभी

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत ने पूरी मानवता को जीने की प्रेरणा दी है। हमने भारत को राष्ट्र के रूप में प्राचीन काल से माना है। राष्ट्र जमीन का टुकड़ा नहीं होता। इसकी अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान होती है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में हर क्षेत्र में नए कार्य किए गए हैं। अभी बहुत कुछ प्राप्त करना है। उत्तर प्रदेश अगर इस दिशा में अगुवाई करता है तो हम अन्य राज्यों के लिए उदाहरण बन सकते हैं। यह कार्य व्यक्तिगत नहीं बल्कि सामूहिक प्रयास से होगा।

उ.प्र. को ओडीएफ घोषित करने में सब की हो भूमिका

उन्होंने कहा कि गांधी जी की 150वीं जयंती के कार्यक्रम पर दो वर्ष के लिए वृहद कार्य योजना तैयार की गई है। पूरे उत्तर प्रदेश को हम खुले में शौच से मुक्त करें, इसमें सबकी भूमिका होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 तक हर नागरिक को छत मुहैया कराने का संकल्प लिया गया है। प्रदेश के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए स्किल डेवलपमेंट के माध्यम से लाभान्वित करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी तरह गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वालों को आयुष्मान भारत योजना से लाभान्वित करने का अवसर हमें मिला है। प्रथम चरण में 6 करोड़ लोगों को इससे जोड़ा जाएगा।

ओडीओपी योजना से 25 लाख रोजगार के अवसर मिलेंगे

उन्होंने एक जिला एक उत्पाद समिट का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश के स्थापना दिवस पर हमने परंपरागत उत्पादों की ब्रांडिंग की योजना शुरू की थी। इसकी पहली समिट 10 अगस्त को संपन्न हुई है। इसके बेहतर परिणाम सामने आए हैं। हम स्थानीय स्तर पर ही युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रयास कर रहे हैं। 4 हजार से अधिक लोग लाभान्वित भी हुए हैं। ओडीओपी योजना के माध्यम से 5 वर्ष में 25 लाख रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।

अपने सामर्थ्य को पहचानें हम

मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे अधिक आबादी वाले उत्तर प्रदेश का संकल्प पूरे देश के लिए प्रेरक हो सकता है। मैं आह्वान करता हूं कि हम अपने सामर्थ्य को पहचानें। उन्होंने कहा कि अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। हमें मिलकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के न्यू इंडिया के संकल्प को साकार करना है। मैं प्रदेश की 22 करोड़ की जनता का आह्वान करता हूं कि वह न्यू इंडिया के संकल्प के साथ जुड़े। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रदेश की सुरक्षा के लिए शहीद होने वाले पुलिस व पीएसी के बहादुर जवानों को नमन करते हुए कहा कि बहादुर जवानों के परिवारों के सहयोग व सम्मान के लिए प्रदेश सरकार खड़ी रहेगी।

Updated : 15 Aug 2018 10:48 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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