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143 वीं जयंती लौहपुरूष सरदार पटेल की भव्य समारोह में तब्दील, दी गयी यादगार श्रद्धांजलि

143 वीं जयंती लौहपुरूष सरदार पटेल की भव्य समारोह में तब्दील, दी गयी यादगार श्रद्धांजलि
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लखनऊ। सांस्कृतिक और राजनीतिक रुप से भारत के शिल्पी माने जाने वाले लौहपुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 143 वीं जयंती ऐतिहासिक समारोह में तब्दील कर उन्हें यहां यादगार श्रद्धांजलि दी गयी।

इस अवसर पर गणतन्त्र दिवस की तरह आकर्षक परेड निकाली गयी। रन फार यूनिटी का आयोजन हुआ और देश की एकता के लिये शपथ दिलाई गयी। शायद यह महला मौका था जब विधानभवन के सामने किसी नेता की जयन्ती पर इस तरह का भव्य परेड आयो​जित हुआ। रन फार युनिटी में सैकड़ों युवक-युवतियों ने भाग लिया।

राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में हुई परेड में केन्द्रीय सुरक्षाबलों,राज्य पुलिस और सैनिक स्कूल समेत लखनऊ के 12 से अधिक स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने देशभक्ति से सराबोर जोश भर देने वाले गीतों पर मार्चपास्ट किया। बापू भवन चौराहे से निकली परेड सिकन्दरबाग तक गया, जबकि रन फॉर यूनिटी के डी. सिंह बाबू स्टेडियम में खत्म हुआ।

इस अवसर पर आयोजित समारोह में राज्यपाल राम नाईक ने वल्लभ भाई पटेल की बुधवार को मनायी गयी जयन्ती को देश के इतिहास का स्वर्णिम दिन बताया। उन्होंने कहा कि लौहपुरुष की जयन्ती तो हर साल मनायी जाती है, लेकिन आज का दिन खास है क्योंकि सरदार वल्लभ भाई पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची 182 मीटर की प्रतिमा स्थापित की जा रही है। इस मौके पर राज्यपाल ने पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत इन्दिरागांधी की पुण्यतिथि और आचार्य नरेन्द्र देव की जयन्ती पर उन्हें भी भावभीनी श्रद्धान्जलि अर्पित की।

श्री नाईक ने कहा कि हिमालय से ऊंची, गंगा जैसी पवित्र और समुद्र जैसी गहराई की श्रेणी में पटेल जी की प्रतिमा भी शामिल होगी। गुजरात के सरदार सरोवर में स्थापित दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा के निर्माण के बारे में उन्होंने विस्तार से चर्चा की। उनका कहना था कि इसके निर्माण में देश भर के किसानों के घर का लोहा भी लगा है, इसलिये इससे पूरे देश का भावनात्मक लगााव है। यह प्रतिमा दुनिया को एकता ओर प्यार का संदेश देता रहेगा। उन्होंने कहा कि पटेल जी ने भौगोलिक दृष्टि से देश का विस्तार करने के साथ ही किसानों के लिये ऐतिहासिक काम किये।

मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने कहा कि क्षणिक स्वार्थ के लिये समाज को जाति,धर्म और भाषा के आधार पर बांटने की कोशिश की जा रही है। ऐसी स्थिति में पटेल जी का व्यक्तित्व आने वाली पीढ़ी को एकता के लिये प्रेरित करेगा।

उन्होंने कहा कि पटेलजी की जयन्ती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने का कारण देश के लिये किये गये उनके कार्य हैं। पटेल जी ने भारत की भौगोलिक सीमा को राष्ट्रीय और सांस्कृतिक एकता के सूत्र में बांधा। उनकी दृढ़ इच्छा शक्ति की वजह से ही उन्हें लौहपुरूष कहा गया।

श्री योगी ने कहा कि पटेल जी की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा पूरे भारत में असरदार हो इसलिये देश भर में कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। उन्होंने 562 रियासतों को भारत गणराज्य में मिलाकर देश की अखण्डता को बृहद स्वरूप दिया। हैदराबाद और जूनागढ़ जैसी तमाम रियासतें अपना अलग अस्तित्व बनाये रखना चाहती थी, लेकिन सरदार पटेल के आगे उनकी एक न चली। डाक्टर भीमराव अम्बेडकर संविधान के शिल्पी हैं तो देश के प्रथम गृहमंत्री डा. पटेल भारत के राजनीतिक और सांसकृतिक शिल्पी हैं। इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित जनसमूह को देश की एकता बनाये रखने में बराबर सहयोग देते रहने की शपथ दिलाई। समारोह में योगी मंत्रिमंडल के कई मंत्री और अधिकारी मौजूद थे।

Updated : 31 Oct 2018 11:22 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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