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इस बच्चे के अंग दान से तीन को मिला नया जीवन

इस बच्चे के अंग दान से तीन को मिला नया जीवन
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बेंगलुरु| बेटे के गुजरने के गम में भी उसके अंगों को दान करने वाले माता-पिता से अन्य तीन लोगों की जान बचाई हैं | हैड्रॊ ग्रॆश फाउनटैन ग्लैयॊमास बीमारी से जिंदगी और मौत से लड़ने वाले सात साल के बच्चे शंकर बडीगेर के अंगों को उसके परिजनों ने दान करके तीन और लॊगॊं कॊ जीवन दान दिया है। उल्लेखनीय है कि इस बीमारी के ट्यूमरॊं से कैंसर के ट्यूमर मस्तिष्क के अनेक जगहॊं में फैल गया था । बीते जुलाई महीने में ही चिकित्सकों ने बालक के मस्तिष्क को डेड डेड घोषित कर दिया था क्योंकि मस्तिष्क ने काम करना बंद कर दिया था | मरने के बाद शंकर के पिता शिव कुमार और माता सुनीता बडीगेर ने मिलकर बेटे के अंगॊं कॊ दान करने का निर्णय लिया और बेंगलुरु के बीजीएस ग्लेनिगल्स ग्लॊबल अस्पताल में शंकर के परिवार की सहमति से उसे अस्पताल में दाखिल किया गया और उनकी सहमति से उसके अंगों के दान की व्यवस्था की गयी। उसके हृदय को एक तेरह वर्ष की बालिका कॊ दान दिया गया | दो मूत्रपिंडॊं (किडनियों) में से एक पिंड 44 वर्षीय और एक दुसरे 42 साल के युवक को दिया गया । हृदयाघात हॊने के बाद वह बच्ची एक हृदय के लिए छह महीनॊं से इंतजार कर रही थी। इस हार्ट ट्रान्सप्लांट के बाद वच्ची की हालत में सुधार दिख रहा है। किडनी प्रत्यारोपण के बाद दो युवाओं को नया जीवन मिला जो क्रमश : 4 और 7 साल से इस बीमारी से परेशान थे। ट्रांसप्लांट में डा. अनिल कुमार, बीटी, डा. नरेंद्र एस, डा. मनॊहर और राजीव इ एन के संयुक्त दल ने मिलकर यह कामयाबी हासिल की है।

Updated : 26 Aug 2018 6:24 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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