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'सोचा न था जिस भाई को काम सिखाया उसका शव उठाना पड़ेगा'

सोचा न था जिस भाई को काम सिखाया उसका शव उठाना पड़ेगा
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हावड़ा/स्वदेश वेब डेस्क। "जिस भाई का हाथ पकड़कर मैंने ईंट‌ पाथना और दीवार जोड़ना सिखाया था एक दिन उसके शव को भी उठाना पड़ेगा, ऐसा मैंने कभी नहीं सोचा था!" मंगलवार शाम हावड़ा जिले में दक्षिण पूर्व रेलवे के संतरागाछी स्टेशन पर फुटओवर ब्रिज पर मची भगदड़ में जान गंवाने वाले 61 साल के तासीर सरदार के भाई नसीरूद्दीन ने बुधवार सुबह नम आंखों के साथ छोटे भाई के शव को हावड़ा स्टेट जनरल अस्पताल से ले जाते हुए उक्त बातें कहीं।

नसीरूद्दीन ने बताया कि तासीर सरदार की पत्नी, दो बेटी और एक बेटा है। बेटे का ऑपरेशन हुआ है और परिवार की आर्थिक जरूरतें बहुत बड़ी थीं इसलिए राजमिस्त्री का काम करने के लिए केरल गया था। लेकिन वहां भी ढंग से काम नहीं मिलने की वजह से वापस लौट रहा था। संतरागाछी स्टेशन पर ट्रेन के पहुंचने से पहले उन्होंने नसीरुद्दीन से बात की थी। नसीरुद्दीन ने बताया कि मंगलवार शाम उसने फोन किया था और कहा था, "ट्रेन संतरागाछी स्टेशन पर घुस रही है, 10:00 बजे तक घर पहुंच जाऊंगा भैया। केरल में ठीक से काम नहीं हुआ और तुम लोगों के बिना मन भी नहीं लग रहा था इसलिए लौट आया हूं। अब यहीं रहकर काम करेंगे।"

इसके बाद रात 8:00 बजे के करीब उनके मोबाइल पर फोन आया जिसमें बोला गया कि आपके भाई की मौत संतरागाछी में मची भगदड़ के बीच हो गई है। इतना कहकर फोन रख दिया गया था। नसीरूद्दीन ने वापस उस नंबर पर फोन करने की कोशिश की, लेकिन फोन नहीं लगा। अपने भाई के नंबर पर भी संपर्क करने की कोशिश की लेकिन फोन बंद था। इसके बाद उन्होंने टीवी चालू किया तो देखा कि समाचार चैनलों पर वारदात के बारे में दिखाया जा रहा था। इसके बाद वे रह नहीं पा रहे थे। उसी रात हावड़ा जिला अस्पताल जा पहुंचे जहां भाई की मौत के बारे में पुष्टि हुई।

उन्होंने बताया कि तासीर के बेटे के ऑपरेशन में तीन लाख रुपये खर्च हुए हैं। केरल में रहने के दौरान उसकी तबीयत भी खराब हो गई थी। इसीलिए काफी रुपये खर्च हो गए थे। इधर दो बेटियों की शादी और परिवार की अन्य जरूरतों के लिए काफी रुपयों की जरूरत है। राज्य सरकार और रेलवे ने पांच-पांच लाख रुपये देने की घोषणा की है। इससे ऐसा लगता है कि मरने के बाद भी तासीर अपने घर वालों की जरूरतें पूरी कर गए हैं। नसीरूद्दीन अपने भाई के शव को लेकर मुर्शिदाबाद के नसीरपुर हरिहरपाड़ा स्थित अपने आवास के लिए रवाना हो गए हैं।

गौरतलब है कि सांतरागाछी स्टेशन पर मंगलवार शाम 6:00 बजे के करीब एक साथ दो लोकल और एक एक्सप्रेस ट्रेन के आने के बाद चढ़ने व उतरने वाले यात्रियों की भारी भीड़ स्टेशन पर जुट गई कि प्लेटफार्म संख्या-2 को प्लेटफार्म संख्या-3 से जोड़ने वाले फुट ओवरब्रिज पर भगदड़ मच गई। भीड़ में दबकर कमलकांत सिंह (32) और तासीर सरदार (61) की मौत हो गई, जबकि 12 अन्य लोग घायल हो गए। इनमें से आठ लोगों का इलाज हावड़ा जिला अस्पताल में चल रहा है, जबकि एक अन्य व्यक्ति की हालत गंभीर होने की वजह से उसे कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती किया गया है। इसके अलावा प्राथमिक उपचार के बाद तीन लोगों को डिस्चार्ज कर दिया गया। रेलवे ने इस घटना की जांच के लिए कमेटी का गठन किया है।

Updated : 24 Oct 2018 3:09 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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