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स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम में राजस्थान ने मारी बाजी

स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम में राजस्थान ने मारी बाजी
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नई दिल्ली। देश के युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित-प्रेरित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के स्टार्टअप इंडिया कार्य़क्रम में राजस्थान ने बाजी मारते हुए देश में आईटी में अग्रणी चल रहे अन्य राज्यों को पीछे छोड़ दिया है।

दरअसल राजस्थान सरकार की मानें तो राज्य ने बेंगलूरू (कर्नाटक) यानी 'सिलिकॉन वैली ऑफ इंडिया' को भी पीछे छोड़ दिया है। राजस्थान सरकार में सूचना तकनीकी एंव संचार विभाग के प्रधान सचिव निखिल अरोड़ा ने हिन्दुस्थान समाचार से विशेष बातचीत में कहा कि वसुंधरा सरकार ने स्टार्टअप से जुड़े युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करने और राज्य में रोजगार की कमी को दूर करने के लिए 500 करोड़ रुपए का फंड बनाया है। इसमें से 50 करोड़ का फंड ग्रीन स्टार्टअप्स, 100 करोड़ रु. का फंड महिला स्टार्टअप्स के लिए रखा गया है।

हालांकि देशभर में स्टार्टअप सालाना 270 फीसदी के रेट से बढ़ रहे हैं। हर महीने 500 से 800 नए स्टार्टअप शुरू होते हैं, जिसमें अब तक महाराष्ट्र के मुंबई और कर्नाटक के बेंगलूरू टॉप पर रहे हैं। इनमें से 400 स्टार्टअप सालाना बेंगलूरू में ही शुरू होते हैं। इतना ही नहीं बेंगलूरू शहर ने इंफोसिस, विप्रो, आईगेट, फॉर्च्यून जैसी 500 कंपनियों को जन्म दिया है।

राजस्थान को इसका तोड़ बताते हुए निखिल अरोड़ा ने कहा कि अगर आपके पास नए और बेहतरीन आइडिया है, लेकिन काम करने की हाईटेक जगह, धन या सलाह देने वाले अनुभवी लोग नहीं हैं, जैसे बाकी समस्याएं आ रही हैं तो राजस्थान सरकार आपके आइडिया को स्टार्टअप में बदलने में आपकी मदद करेगी। इसके तहत सरकार दो साल का फ्री वर्किंग स्पेस देने के लिए राजस्थान सरकार आईस्टार्ट कार्य़क्रम के तहत जयपुर शहर में 'भामाशाह टेक्नोहब' की शुरूआत की है। यह देश का एक मात्र ऐसा टेक्नोहब है, जहां एक समय में करीब 150 स्टार्टअप्स, 700 सीट पर काम कर सकते हैं। जहां स्टार्टअप्स को फ्री में काम करने के लिए स्पेस दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में राजस्थान सरकार जोधपुर, उदयपुर कोटा और जयपुर में इस तरह के इन्क्यूबेशन सेंटर चला रही है। यही वजह है कि अब राजस्थान 'सिलिकॉन वैली ऑफ इंडिया' को स्टार्टअप में पीछे छोड़ने जा रहा है। उन्होंने कहा कि केवल स्टार्ट अप के लिहाज से नहीं बल्कि डेटा स्पेस सेंटर के लिहाज से भी राजस्थान कुछ ही समय में देश में सबसे आगे निकलने जा रहा है।

अरोड़ा के अनुसार आम तौर पर बेहद संघर्ष और कड़ी मेहनत के बाद ही कोई स्टार्टअप लोगों की नजर में आता है, जब वो अपने चरम पर होता है लेकिन बहुत से स्टार्टअप्स ऐसे होते हैं जो लोगों के जीवन को बदलने की क्षमता रखते हैं। हालांकि उन्हें शुरुआत कोई मदद नहीं मिल पाती और वो दम तोड़ देते हैं लेकिन अब किसी आइडिया के पैदा होने से पहले खत्म होने नहीं दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, 'टेक्नो हब का यह इनक्यूबेटर स्टार्टअप इन्फ्रास्ट्रक्चर, तकनीक, एंजेल फंडिंग, वेंचर कैपिटल तक पहुंच, अनुभवी कंपनियों का संरक्षण दे रहा है, स्टार्टअप्स आइडिया किसी भी राज्य से हो लेकिन उनकी शुरुआत अगर राजस्थान से हो तो। इसके लिए सरकार ने ग्लोबल टेक्नोलॉजी कंपनियों जैसे सिस्को नेटवर्किंग एकेडमी, आईबीएम आईएक्स एकेडमी, एचपी एकेडमी, इंफोसिस कैंपस कनेक्ट व ओरेकल वर्कफोर्स के साथ साझेदारी की है।'

Updated : 26 Aug 2018 6:52 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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