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पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और माकपा गठबंधन का रास्ता हुआ साफ
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कोलकाता। आसन्न लोकसभा चुनाव से पूर्व पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और माकपा के एक साथ मिलकर चुनाव लड़ने का रास्ता लगभग साफ हो गया है। रविवार को प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ सूत्रों के हवाले से इसकी पुष्टि की गई है। बताया गया है कि शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ प्रदेश अध्यक्ष सोमेन मित्रा की बैठक के बाद इसके लिए हरी झंडी दे दी गई है। अगले हफ्ते से इस बारे में दोनों पार्टियों के बीच आधिकारिक तौर पर बातचीत शुरू हो सकती है। बताया गया है कि दिल्ली में राहुल गांधी के साथ हुई सोमेन मित्रा की बैठक में इसकी हरी झंडी मिल गई है कि प्रदेश में लोकसभा चुनाव पूर्व गठबंधन की रणनीति प्रदेश कांग्रेस ही तय करेगी और कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व इसे स्वीकार करेगा। गौर करने वाली बात यह है कि शनिवार को प्रदेश अध्यक्ष सोमेन मित्रा और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता तथा वयोवृद्ध विधायक अब्दुल मन्नान दिल्ली गए थे। वहां राहुल गांधी के साथ बैठक हुई है। इस बैठक में मित्रा और मन्नान ने मिलकर राहुल गांधी को यह बताया है कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के साथ किसी भी तरह का राजनीतिक समझौता पार्टी को नुकसान दायक साबित होगा। इन दोनों नेताओं ने यह स्पष्ट किया है कि 2011 में पश्चिम बंगाल में तृणमूल की सरकार बनने के बाद लगातार कांग्रेस को कमजोर किया गया है। पार्टी के जीते हुए उम्मीदवारों को ममता की पार्टी ने तोड़ कर अपने में शामिल किया है। उनके साथ कोई गठबंधन नहीं होना चाहिए। राहुल गांधी ने इसे स्वीकार किया है और प्रदेश की चुनावी रणनीति तय करने का अधिकार प्रदेश कांग्रेस पर ही छोड़ दिया है। अब बताया गया है कि अगले हफ्ते वामपंथी पार्टियों के साथ बातचीत शुरू होगी।
इस बारे में पूछने पर मित्रा ने कहा कि राहुल ने उन्हें राज्य में लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष ताकतों के साथ बातचीत शुरू करने के लिए कहा है। मित्रा ने कहा कि हमारे पार्टी अध्यक्ष ने हमारे विचारों से सहमति व्यक्त की है कि टीएमसी के साथ गठबंधन करना राज्य में पार्टी के लिए एक आपदा होगी क्योंकि तृणमूल ने लगातार हमारी पार्टी को कमजोर किया है। यह पूछे जाने पर कि क्या इससे राज्य में सीपीएम के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे के साथ गठबंधन बनाने का रास्ता खुलेगा, मित्रा ने कहा कि वे पार्टी में इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।
उन्होंने कहा कि हम धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों से बात करेंगे, जिनमें वामपंथी भी शामिल हैं। लेकिन बातचीत शुरू करने से पहले हम अपनी पार्टी के भीतर इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।
राज्य कांग्रेस इकाई का बहुमत बंगाल में टीएमसी के साथ किसी भी प्रकार के गठबंधन को बनाने के खिलाफ है। राहुलण गाँधी ने लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए शनिवार को दिल्ली में राज्य कांग्रेस प्रमुखों और कांग्रेस विधायक दल के नेताओं के साथ बैठक की। उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों को आक्रामक तरीके से मोदी सरकार की तानाशाही शैली और ज्वलंत मुद्दों जैसे कि कृषि संकट और बेरोजगारी को लोगों के बीच उठाने के लिए कहा है।