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महाराष्ट्र विधान परिषद में भाजपा बनी सबसे बड़ी पार्टी

बता दें कि साल 2014 के बाद महाराष्ट्र विधान परिषद में विभिन्न पार्टियों का समीकरण बदल गया है। भाजपा-शिवसेना की सत्ता होने के बावजूद विधान परिषद में अब तक नंबर वन की पोजीशन पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ही काबिज थी।

महाराष्ट्र विधान परिषद में भाजपा बनी सबसे बड़ी पार्टी
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मुंबई। महाराष्ट्र विधान परिषद की 11 सीटों के लिए होनेवाला चुनाव अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। इन सभी सीटों पर निर्विरोध चुनाव होने की संभावना बलवती हो गई है। 11 सीटों पर किसी भी पार्टी से चुनौती न मिलने के कारण भाजपा लगभग साढ़े तीन साल के बाद अब विधान परिषद में सबसे बड़े दल के रूप में सामने आ गया है। अब भाजपा विधायकों की संख्या विधान परिषद में 21 हो जाएगी। शिवसेना गठबंधन के साथ फिलहाल विधान परिषद में यह सबसे बड़े दल के रूप में उभरेगी। विधान परिषद में सत्ता पक्ष को विधेयकों को पारित करवाने के लिए नाकों चने चबाने पड़ते थे। 11 सीटों की जीत से भाजपा और शिवसेना की मुश्किलें आसान हो जाएंगी।

बता दें कि साल 2014 के बाद महाराष्ट्र विधान परिषद में विभिन्न पार्टियों का समीकरण बदल गया है। भाजपा-शिवसेना की सत्ता होने के बावजूद विधान परिषद में अब तक नंबर वन की पोजीशन पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ही काबिज थी। लेकिन अब उसके विधायकों की संख्या घटकर 17 रह गई है। कांग्रेस के विधायकों की संख्या भी 17 ही है। दोनों के पास 40 से कम विधायक हैं। इसलिए संख्या बल के आधार पर अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस को सभापति और उपसभापति का पद गंवाना पड़ सकता है। विधान परिषद में भाजपा संख्या के आधार पर एक नंबर की पार्टी बन गई है। भाजपा, शिवसेना, मित्र दलों और निर्दलीय विधायकों की संख्या अब विपक्ष के मुकाबले ज्यादा हो गया है। अगले अधिवेशन में विधान परिषद के सभापति और उपसभापति पद के लिए अब सत्ताधारी पार्टी अपना दावा पुख्ता कर सकेंगे।

बता दें कि महाराष्ट्र विधान परिषद की 78 सीटों में अब जो स्थितियां बन रही हैं, उसके तहत भाजपा के 21 विधायक, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 17 विधायक, कांग्रेस के 17 विधायक, शिवसेना के 12 विधायक, जदयू के 1, आरपीआई कवाडे गुट का 1 विधायक,रासपा का एक, शेकाप का 1 और निर्दलीय 6 विधायक रह जाएंगे। हाल ही में पांडुरंग फुंडकर का निधन हो गया, उनकी सीट पर भी चुनाव होना है। सत्ता में शामिल भाजपा के 21 और शिवसेना के 12 विधायकों के साथ ही रासप के एक और 2 निर्दलीय (भाजपा समर्थक) विधायकों का समर्थन हासिल है। इसके अलावा 3 निर्दलीय विधायक शिवसेना समर्थक हैं। सत्ताधारी दलों के पास अब 40 विधायकों का संख्या बल हो चुका है। जबकि विपक्ष में शामिल कांग्रेस 17, राकांपा 17, जनता दल यूनाईटेड 1, शेकाप 1, आरपीआई (कवाडे गट) 1, निर्दलीय एक विधायक समेत कुल 38 ही हो रही है। संख्या के आधार पर विपक्ष को अब सभापति और उपसभापति का पद गंवाना पड़ सकता है।

महाराष्ट्र विधान परिषद की 11 सीटों के लिए 16 जुलाई को मतदान होगा। उसी दिन नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे। कांग्रेस के दो, राकांपा के एक, शिवसेना के दो, रासप एक, शेकाप एक और भाजपा के चार उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं।

भाजपा की ओर से भाई गिरकर, कोली महासंघ के अध्यक्ष रमेश पाटील, नीलय नाईक (वसंतराव नाईक का नाती) और राम पाटील रातोलीकर चुनाव लड़ रहे हैं तो रासपा से महादेव जानकर, शिवसेना से अनिल परब और मनीषा कायंदे, कांग्रेस से शरद रणपिसे और डॉ. वजाहत मिर्जा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की ओर से बाबाजानी दुर्राणी और शेकाप से जयंत पाटील उम्मीदवार हैं।

Updated : 10 July 2018 3:39 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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