महाराष्ट्र में सामने आए कोरोना के 15 केस, मरीजों की संख्या बढ़कर 89 हुई
X
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 15 नए मामले सामने के बाद राज्य में इससे संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 89 हो गई है। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि मुंबई में 14 नए मामले और पुणे में एक नया मामला सामने आया है। कोविड-19 से महाराष्ट्र में अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने महाराष्ट्र में तीन और प्रयोगशालाओं को कोविड-19 जांच करने की अनुमति दे दी है। एक मंत्री ने बताया कि अब तक महाराष्ट्र में रोजाना 100 नमूनों की जांच हो पा रही थी लेकिन तीन नई जगहों पर जांच की सुविधा शुरू होने से रोजाना करीब 600 नमूनों की जांच हो सकेगी।चिकित्सा शिक्षा मंत्री अमित देशमुख ने कहा कि इनमें से दो प्रयोगशालाएं पुणे जबकि एक मुंबई में है।
एक आधिकारिक बयान में देशमुख ने कहा कि अब तक हम रोजाना 100 नमूनों की जांच कर रहे थे। आईसीएमआर ने पुणे के सासून अस्पताल और बीजे मेडिकल कॉलेज के साथ ही मुंबई की हाफकिन संस्था को भी कोविड-19 की जांच की अनुमति दे दी है। उन्होंने कहा कि इससे राज्य में जांच क्षमता 100 नमूनों के मुकाबले बढ़कर 600 तक हो पाएगी। बयान में कहा गया कि राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों में भी जांच प्रयोगशालाएं बनाने की मांग की है।
महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए राज्य में सीआरपीसी की धारा 144 लागू की है जिसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर पांच से अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक है। राज्य में कोविड-19 से दो मरीजों की मौत हो चुकी है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यह घोषणा करते हुए कहा कि सामाजिक दूरी को सुनिश्चित करने के लिए सोमवार से राज्य के शहरी क्षेत्रों में कदम उठाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य परिवहन और निजी बस सेवाएं पूरी तरह से बंद रहेंगी। उन्होंने कहा कि किराने का सामान, सब्जी विक्रेता, बैंक और प्रमुख वित्तीय सेवाएं जैसी आवश्यक सेवाएं संचालित होती रहेंगी। ठाकरे ने कहा कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 'घर से काम करने को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने संकेत दिये कि यदि जरूरत हुई तो शहरी क्षेत्रों में लॉकडाउन की अवधि 31 मार्च तक बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि इससे बचने के लिए, मुझे कठिन समय के दौरान लोगों की भागीदारी और सहायता की आवश्यकता है। ठाकरे ने कहा, जिन लोगों को घर पर पृथक रहने की सलाह दी गई है उन्हें अपने परिवार के सदस्यों के साथ घुलना-मिलना नहीं चाहिए। उन्होंने उद्योगों को अपने कर्मचारियों का ध्यान रखने के लिए भी कहा। मुख्यमंत्री ने कहा, 'कुछ कंपनियों और कार्यालयों में कामकाज नहीं होगा लेकिन इन प्रतिष्ठानों को मानवीय आधार पर अपने कर्मचारियों को कम से कम मूल वेतन का भुगतान करना चाहिए। उन्होंने कहा, ''मैंने व्यक्तिगत रूप से राज्य कर्मचारियों को भी कम कर दिया है। कुछ दिन पहले, हम 50 प्रतिशत क्षमता पर कार्यालय चला रहे थे। सोमवार से सरकार के केवल पांच फीसदी कर्मचारी काम पर आएंगे। अपने फैसले का बचाव करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ''मैंने यह निर्णय इसलिए लिया है क्योंकि हम एक ऐसे चरण में हैं जहां वायरस के संक्रमण के बढ़ने की संभावना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे टालने के लिए कुछ यूरोपीय देशों की तरह महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के शहरी क्षेत्रों में पूरी तरह से लॉकडाउन करने का निर्णय लिया है।
Swadesh Digital
स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in