Home > राज्य > उत्तर 24 परगना मामला : हिंसक संघर्ष में हुई तीन की मौत

उत्तर 24 परगना मामला : हिंसक संघर्ष में हुई तीन की मौत

उत्तर 24 परगना मामला : हिंसक संघर्ष में हुई तीन की मौत
X

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के विभिन्न ग्राम पंचायतों में बोर्ड गठन के दौरान हो रही व्यापक हिंसा में तीन और लोगों की मौत हो गई है। ताजा घटना उत्तर 24 परगना जिले के आमडांगा की है। यहां मंगलवार सारी रात सत्तारूढ़ तृणमूल, माकपा, भाजपा और कांग्रेस के बीच हुए हिंसक संघर्ष में तीन लोगों की मौत हुई है‌। इनमें से दो लोग तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता थे जबकि एक सीपीएम का कार्यकर्ता था।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि ना केवल बम फेंके गए हैं बल्कि बाहर से आए लोगों ने इलाके में एके-47, एसएलआर और राइफल से भी स्थानीय लोगों पर हमला बोला है। इस बारे में पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मंगलवार की देर रात इलाके में 100 से 200 की संख्या में अज्ञात लोगों का जमावड़ा लगा था। यह सारे लोग माकपा, सीपीएम और भाजपा के समर्थक थे। आमडांगा ग्राम पंचायत पर कब्जा को लेकर इन्हीं लोगों ने रात के वक्त स्थानीय लोगों के घरों में घुसकर हमले किए। बताया गया है कि करीब एक घंटे तक करीब आबाध बमबाजी और गोलीबारी होती रही जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई है। हालात की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बुधवार की सुबह पुलिस ने इलाके से 1000 से अधिक देसी बमों को बरामद किया है जो फेंकने के बाद फटे नहीं थे और सड़कों पर पड़े थे। बताया गया है कि आमडांगा ग्राम पंचायत में 16 सीटें हैं जिनमें से 9 पर सीपीएम का कब्जा हुआ है जबकि 7 पर तृणमूल का। इस बीच मंगलवार की शाम माकपा का एक जीता हुआ उम्मीदवार तृणमूल के समर्थन में आ गया था जिसके बाद ऐसा आरोप लगाया जा रहा था कि उसे डरा-धमकाकर और रुपये के बल पर सत्तारूढ़ पार्टी अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही है ताकि ग्राम पंचायत पर कब्जा कर सकें। इसी को लेकर विवाद की शुरुआत हुई जिसके बाद भारी संख्या में दोनों और से समर्थक एकत्रित हुए और एक दूसरे पर हमला बोलने लगे। उत्तर 24 परगना में तृणमूल अध्यक्ष और राज्य के खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने चुनौती दी है कि अब इलाके में प्रत्येक सीपीएम, भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ता के घरों की तलाशी होगी और वहां से एके-47, एसएलआर और राइफल बरामद की जाएगी। इलाके के तृणमूल कार्यकर्ताओं का आरोप है कि इस हमले के पीछे पुलिस की भी मिलीभगत है। आरोप है कि थाने के ओसी ने जानकारी होने के बावजूद किसी भी तरह की कार्रवाई से इनकार कर दिया था और हिंसक संघर्ष की घटना के बाद पुलिस वालों ने तृणमूल के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर बम फेंकने का आरोप लगाया था। बरहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। घटना में अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से अधिकतर सीपीएम के सचिव मंडल के सदस्य बताए जा रहे हैं। घटना में 6 लोग घायल भी हुए हैं जो सीपीएम के कार्यकर्ता हैं।

Updated : 29 Aug 2018 11:56 AM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


Next Story
Top