फिर दहली देश की राजधानी दिल्ली

फिर दहली देश की राजधानी दिल्ली
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देश की धड़कन और दिल कही जाने वाली दिल्ली में सोमवार को चलती कार में हुए विस्फोट ने सबको झकझोर कर रख दिया है। इस घटना की जितनी निंदा की जाए, कम ही है। धमाके में ग्यारह जिंदगियों का अंत होना बेहद दुखद है। बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए हैं। ईश्वर करें वे जल्द स्वस्थ हो जाएँ।

अभी तक हुई जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, उससे यह स्पष्ट है कि यह एक आतंकी साजिश थी। जिस स्थान पर यह घटना हुई और जो समय चुना गया, उससे जाहिर है कि आतंकी यहां कोई बड़ा हमला करना चाहते थे। यह स्थान दिल्ली का सबसे अधिक भीड़-भाड़ वाला इलाका है और शाम के समय यहां लोगों की आवाजाही सर्वाधिक होती है। इसे संयोग ही कहा जाएगा कि आतंकवादियों ने किसी भीड़-भाड़ वाले स्थान को निशाना बनाने से पहले ही कार में धमाका हो गया। वरना मरने वालों की संख्या इससे भी कहीं अधिक होती।

इस बात की पुष्टि इससे भी होती है कि विस्फोट से पहले फरीदाबाद में कई जगह से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद हुई थी। हरियाणा स्थित फरीदाबाद के फतेहपुर तगा गांव में राज्य और जम्मू एवं कश्मीर पुलिस की साझा छापेमारी में करीब तीन हजार किलो से अधिक विस्फोटक सामग्रियाँ बरामद की गईं। इस मामले में गिरफ्तार दो आरोपी कश्मीरी मूल के बताए जाते हैं। इससे पहले भी रविवार को गांव के एक कमरे से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया गया था। बताया जाता है कि एक मौलाना ने यह घर किराए पर लिया हुआ था।

हालांकि, इस मामले में पुलिस जांच कर रही है कि इस भारी भरकम विस्फोटक का कहाँ इस्तेमाल किया जाना था और क्या इनके किसी आतंकी संगठन से संबंध जुड़े हैं। सीसीटीवी फुटेज में पोस्टर लगाने वाले व्यक्ति की पहचान सहारनपुर में कश्मीरी मूल के डॉक्टर अदील के रूप में हुई। पूछताछ में उसके श्रीनगर में कुछ अन्य डॉक्टरों से संबंधों का खुलासा हुआ।

डॉ. अदील की गिरफ्तारी के बाद फरीदाबाद में डॉ. मुजामिल सहित अन्य डॉक्टरों की पहचान हुई। बताया जाता है कि फरीदाबाद स्थित एक क्लीनिक से ही बड़ी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुए। इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा कि मानवता की सेवा करने वाले चिकित्सक कैसे कट्टरपंथ के चलते लोगों की जिंदगी छीनने वाले खौफनाक खेल का हिस्सा बन गए।

जाहिर है कि इस मॉड्यूल का मकसद देश के विभिन्न हिस्सों में धमाकों के जरिए दहशत फैलाना ही रहा होगा। निश्चय ही बड़ी मात्रा में विस्फोटकों की बरामदगी और आईईडी बनाने का सामान बरामद होना किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहा है।

दिल्ली की घटना के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने इसे गंभीरता से लिया और कहा कि हर एंगल से जांच की जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा, उससे सख्ती से निपटा जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना की निंदा करते हुए सख्त कार्रवाई करने के संकेत दिए हैं। राजग सरकार के कार्यकाल में दिल्ली में यह पहला बड़ा हादसा है।

निश्चित ही इस घटना ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है और निस्संदेह आने वाले दिनों में इस पर कोई बड़ी कार्रवाई होगी। पिछले कई हमलों ने यह साबित किया है कि जब भी देश में कहीं आतंकी हमले हुए, केंद्र में बैठी मोदी सरकार ने मुंहतोड़ जवाब दिया, चाहे वह पुलवामा की घटना हो या फिर पहलगाम का हमला। उम्मीद की जानी चाहिए कि जिस तरह इन हमलों का सरकार ने जवाब दिया, उसी तरह इस घटना का भी जवाब दिया जाएगा।

विपक्ष को भी चाहिए कि वह हर बार की तरह घटना को लेकर हाय-तौबा न करे और सरकार का साथ दे। विपक्ष को यह भी देखना होगा कि इससे पहले देश के अंदर आतंकी हमले हुए, उस समय की सरकारों ने कितना जवाब दिया। बहरहाल, केंद्र की राजग सरकार को चाहिए कि वह आपरेशन सिंदूर की तरह देश के अंदर मौजूद आतंकियों को जवाब देने के लिए कोई बड़ा ऑपरेशन चलाए और घर में घुसे आतंकियों की पहचान कर उन्हें सबक सिखाए। तभी इस पर लगाम कसी जा सकेगी।

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