राष्ट्रीय सुरक्षा और भारत तोड़ो टूलकिट : खतरनाक हाथों में सोशल मीडिया !

कोडेक्स इंडिया, ऋषि, डॉ. कालिका, इंडिया इनवैजन ऐसे ही तमाम नाल से फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, एक्स जैसे सोशल मीडिया हैडल्स पर आप भारत विरोधी कंटेट देखकर चौंकिए मत। आपको इन हैंडल्स पर ऑपरेशन सिंदूर में भारत के भारी नुकसान से लेकर दलित, मुस्लिम, सिख अलगाव और आक्रोश की लाखों कहानियां तैरती हुई मिलेगी। हमें यह जानना और समझना ही होगा कि सोशल मीडिया का यह भारत विरोधी वातावरण पूरी तरह से प्रायोजित है। एक सुव्यवस्थित डिजिटल इकोसिस्टम और मैकेनिज्म इस मोर्चे पर काम कर रहा है। आज के रविवारीय में ससेोशल मीडिया के इसी क्षेत्र को समझने का प्रयास है।
बाहरी ताकतों द्वारा भारत को अस्थिर करने के लिए अब अकेली गोला-बारूद की जंग की जरूरत नहीं है। एक जंग सॉफ्ट प्रोपेगेंडा के जरिये भी लड़ी जा रही है। सूचना क्रान्ति के दौर में विदेशी ताकतें देश को अस्थिर करने के लिए तकनीक का सहारा ले रही हैं। भारत में आंतरिक रूप से सक्रिय इनके सारथी टूलकिट गैंग इनफार्मेशन वारफेयर में डिजिटल प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया का सहारा लेकर झूठ, आधे-अधूरे सच, अफवाहें जैसे हथियारों से भारत को अस्थिर और कमजोर करने में लगे हैं। इन्फॉर्मेशन वॉरफेयर में झूठ सच को छिपा देता है। इस डिजिटल युद्ध की आग से हमारे पड़ोसी देश नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका हाल ही में भुक्तभोगी हैं। इन देशों में नई पीढ़ी द्वारा वस्तुस्थिति से इतर आधे-अधूरे सच, झूठ, अफवाहों का सहारा लेकर कथित जेनजी के नाम पर संविधान और प्रचलित राज व्यवस्था के विरुद्ध अराजकता की स्थिति का निर्माण किया चुका है।
आज भारत में भी देशविरोधी ताकतें सक्रिय हो रही हैं। 'स्वदेश' द्वारा अध्ययन में पता चला है कि कई डिजिटल प्लेटफार्म, सोशल मीडिया अकाउंट देश को बदनाम करने के लिए सुनियोजित कैम्पेन चला रहे हैं। इनके प्लेटफार्म से प्रकाशित टेक्स्ट, वीडियो, लेख, पोस्टर कंटेंट यह सिर्फ सामान्य जानकारी का मामला नहीं है, बल्कि ये सुनियोजित डिजिटल प्रोपेगेंडा है। अभी हाल ही में भाजपा ने देश में एंटी नेशनल गतिविधियों के सम्बन्ध में आरोप लगाया कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, मलेशिया, सिंगापुर और अरब देशों के सोशल मीडिया अकाउंट विपक्षी पार्टियों के नेताओं और लेफ्ट इको-सिस्टम के कहने पर भारत विरोधी माहौल बनाकर समाज को भ्रमित कर रहे हैं। विश्वसनीय और आधिकारिक स्रोतों का पता लगाना फेक अकाउंट की भरमार से कठिन हो रहा है।
टारगेट पर भारत की क्रेडिबिलिटी
एजेंडाधारियों के प्लेटफॉर्मों से प्रकाशित सॉफ्ट और हार्डलाइन कंटेंट के पैटर्न का अध्ययन करने पर पाया गया की टेक्स्ट, वीडियो, लेख, पोस्टर के माध्यम से भारत की साख (क्रेडिबिलिटी) को टारगेट करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल सूचना हथियार के तौर पर विदेशों में फैले नेटवर्क के माध्यम से किया जा रहा है।
फेक अकाउंट, बॉट्स से डिजिटल घुसपैठ
देश में राष्ट्र विरोधी एजेंडधारियों के नेटवर्क द्वारा फेक अकाउंटस, बॉट्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के माध्यम से अलग अलग विषयों जिसमें आथिक, राजनीतिक, सुरक्षा, सम्प्रभुता, जनजीवन से जुड़े मुद्दों पर ट्रोलर्स की एक फौज 24×7 दिन-रात अफवाहें फैलाने में सक्रीय हैं। इनकी गैंग अपने नैरेटिव के साथ फेक न्यूज को बहुप्रसारित करते हैं। इनका प्रमुख उद्देश्य जनता को गुमराह करने, समाज में अविश्वास बढ़ाने, अंतराष्ट्रीय स्तर पर भारत की इमेज खराब करना है। चरमपंथी उद्देश्यों के लिए इनकी गैंग साइबरस्पेस का दुरुपयोग करने से नहीं चूकती है।
भारत में सक्रिय विदेशों से संचालित अकाउंट
देश में इन दिनों कई नेटवर्क शामिल हैं जो देशविरोधी गतिविधियों में सक्रिय हैं। ऐसे प्लेटफार्म ज्यादातर भारत के बाहर से संचालित हो रहे हैं। निम्न प्लेटफार्म प्रमुख हैं।
1. कोडेक्स इंडिया
2. नियॉन व्हाइट कैट
3. डीप स्टेट प्रेस
4. इंडिया इनवेजन
5. ऋषि
6. डॉकालिका
प्लेटफार्म अलग-अलग मुद्दा एक - देश में अराजकता
सोशल मीडिया पर अलग-अलग अकाउंट से टूलकिट गैंग डिजिटल नेटवर्क पर अपना एजेंडा चला रहे हैं। किसी भी सेंसिटिव घटना को पॉलिटिकल रूप देना, दुखद घटनाओं को पॉलिटिकल नैरेटिव में बदलना, मनोवैज्ञानिक युद्ध को बढ़ावा देना, कन्फ्यूजन फैलाकर देश की इमेज को नुकसान पहुंचाना। यह घटनाक्रम भारत की साख (क्रेडिबिलिटी) और सोशल हार्मनी को टारगेट करती है।
भारतीय प्रतिष्ठान निशाने पर
टूलकिट गैंग भारत के प्रतिष्खनों की आधी अधूरी झूठी जानकारी देकर जनता को गुमराह करते हैं। जैसे, वोट चोरी के मुद्दे पर चुनाव आयोग के खिलाफ ट्रोलर सक्रिय है। ऑपरेशन सिन्दूर में हार से बौखलाए पाकिस्तानी आर्मी चीफ आसिम मुनीर द्वारा प्राइवेट संस्था जामनगर आयल रिफाइनरी (दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनिंग फैसिलिटी) को उड़ाने की गीदड़ भभकी वाले स्टेटमेंट को राष्ट्र विरोधियों ने खूब वायरल किया था।
हजारों डिजिटल घुसपैठिये सक्रिय
सोशल मीडिया प्लेटफार्म के इस फीचर से हजारों ऐसे एकाउंट्स ट्रेस हुए हैं जो गलत पहचान जिनमें नकली चेहरे और नकली नाम से भारतीयों के फेक अकाउंट अन्य देशों से संचालित हो रहे हैं जिसमें पाकिस्तान, बांग्लादेश प्रमुख हैं।
देश के जन-जी का भड़काने का प्रयास
भारत के युवाओं जेन-जी के बीच वोट चोरी, बेरोजगारी आदि विषयों पर गलत जानकारी फैलाकर और अंदरूनी मतभेदों को गहरा करने के लिए सुनियोजित तरीके से कोऑर्डिनेटेड ग्लोबल ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
डार्क वेब को बनाया हथियार
देशविरोधी गैंग भारत की छवि को नुक्सान पहुंचाने के लिए हरसंभव प्रयास करते हैं। एडवांस तकनीक का उपयोग कर ये लोग लगातार हमला कर रहे हैं। महाराष्ट्र एटीएस ने नागपुर में मई 2025 में रेजाजी सईद को गिरफ्तार किया था। आरोपी कथित तौर पर भड़काऊ टिप्पणियां पोस्ट करने और अन्य राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए डार्क वेब का इस्तेमाल कर रहा था। आरोपी सईद के डिजिटल उपकरणों को गहन जांच के लिए साइबर फोरेंसिक प्रयोगशाला भी भेजे गए थे।
डार्क वेब क्या है ?
डार्क वेब इंटरनेट का एक ऐसा हिस्सा है जो सर्च इंजनों द्वारा इंडेक्स (अनुक्रमित) नहीं होता और केवल विशिष्ट सॉफ्टवेयर के माध्यम से ही पहुँचा जा सकता है। इसमें उपयोगकर्ताओं की पहचान को छुपाता है। इसका उपयोग ज्यादातर अवैध गतिविधियों में संलिप्त हैकर, अटैकर, ब्लैकमेलर, धोखाधड़ी जैसे साइबर अपराध करने वाले लोग करते हैं।
अफवाहों के बीच इंटरनेट शटडाउन
केंद्र सरकार ने विभाजनकारी कंटेंट के प्रचार प्रसार, कट्टरता फैलाने, धोखाधड़ी करने के लिए डिजिटल प्लेटफार्मों के बढ़ते दुरुपयोग को रोकने आईटी अधिनियम की धारा 69ए का उपयोग कर पिछले तीन साल में एंड्राइड एप, वेबसाइट लिंक, सोशल मीडिया अकाउंटस को भारत में ब्लॉक किया है। सरकार ने पाकिस्तान से संचालित यूट्यूब अकाउंट, खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के वीडियो ब्लॉक कर दिए जो देश विरोधी कंटेंट फैला रहे थे।
विदेशों से भारत विरोधी गतिविधियों का संचालन
भारत विरोधी गैंग एडवांस तकनीक का उपयोग कर सोशल मीडिया, न्यूज वेबसाइट नेटवर्क की वैश्विक पहुँच के माध्यम से देशविरोधी गतिविधियों में संलिप्त लोग देश-विदेश में बैठकर गलत सूचनाएँ, भ्रामक कंटेंट फैलाकर समाज के बीच विघटन को बढ़ावा देकर वैमनस्य पैदा कर रहे हैं । उनका प्रमुख उद्देश्य-
जासूसी गतिविधियों को बढ़ावा देना : इन्फ्लुएंसर को आगे करके उनसे जाने-अनजाने में संवेदनशील गुप्त जानकारी जुटाना और उनको सोशल मीडिया पर फैलाकर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करना। उदाहरण, ज्योति मल्होत्रा जैसे इन्फ्लुएंसर का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से सम्बन्ध।
मनोवैज्ञानिक युद्ध को बढ़ावा देना : गलत सूचनाओं से जनमत को प्रभावित करना।
ध्रुवीकरण करना : ये लोग अपने कंटेंट के माध्यम से समाज में ध्रुवीकरण और सांप्रदायिक तनाव को फैलाते हैं।
विदेशी प्रभाव और हाइब्रिड युद्धः विदेशों से संचालित सोशल मीडिया के माध्यम से भारत में अलगाववादी दुष्प्रचार फैलाना। उदाहरण के लिए जम्मू कश्मीर, पंजाब में जनमत संग्रह के लिए भड़काना।
नयी पीढ़ी को गुमराह करना : राष्ट्रविरोधियों का गुट प्राय नई पीढ़ी के युवक - युवतियों को चरमपंथियों का प्रचार करके दिग्भ्रमित करते है। युवाओं को कट्टरपंथ की राह पर चलने के लिए निशाना बनाते हैं।
लेबनान बम विस्फोट की घटना को दिल्ली ब्लास्ट से जोड़ा
देश के कुछ प्रोपेगेंडा वाले सोशल मीडिया अकाउंट्स ने लेबनान में हुए बम विस्फोट की घटना की एक पुरानी तस्वीर शेयर कर दावा किया कि यह हाल ही नवम्बर 2025 में हुए दिल्ली बम धमाकों से जुड़ी है। दरअसल यह-तस्वीर मूल रूप से लेबनान में 2024 में हुए बम विस्फोट की है और इसका दिल्ली की घटना से कोई संबंध नहीं है। ऐसा करके प्रोपगेंडा अकाउंट देश में सरकार और व्यवस्था के खिलाफ माहौल बनाना चाहते हैं।
हाईटेक तकनीक का इस्तेमाल
इंटरनेट पर यूजर की पहचान उसकी आईपी से होती है। हैकर, अटैकर, नैरेटिव गैंग इसको बदलने के लिए अनियन रूटिंग, डार्क वेब का नहारा लेते हैं। देश में सक्रिय टूलकिट गैंग पकड़े जाने के डर से अपने अकाउंट पर VPN Proxy का इस्तेमाल करते हैं जिससे उनकी प्रोफाइल बर दिखने वाला देश या इलाका बदल सकता है।
क्या है अनियन रूटिंग
सोशल मीडिया कंपनियों को सरकार की सख्त चेतावनी
केंद्र सरकार ने भारत के डिजिटल इकोसिस्टम (पारिस्थितिकी तंत्र) की सुरक्षा सुनिश्चित करने एंटी नेशनल गतिविधियों से सख्ती से निपटने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स कंपनियों को भ्रामक जानकारी वाली फेक न्यूज एवं पोस्ट्स पर नजर रखने और रिपोर्ट करने के लिए निर्देश दिया है।
सोशल मीडिया अकाउंट पर लगे प्रतिबंध
केंद्र सरकार ने विभाजनकारी कंटेंट के प्रचार प्रसार, कट्टरता फैलाने, धोखाधड़ी करने के लिए डिजिटल प्लेटफार्मों के बढ़ते दुरुपयोग को रोकने आईटी अधिनियम की धारा 69ए का उपयोग कर पिछले तीन साल में एंड्राइड एप, वेबसाइट लिंक, सोशल मीडिया अकाउंटस को भारत में ब्लॉक किया है। सरकार ने पाकिस्तान से संचालित यूट्यूब अकाउंट, खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के वीडियो ब्लॉक कर दिए जो देश विरोधी कंटेंट फैला रहे थे।
वेब कंटेंट वॉचडॉग जल्द
सोशल मीडिया पर यूजर जनरेटेड कंटेंट के लिए केंद्र सरकार जल्द ही नया नियम लेकर आने वाली है। इसके तहत कंपनियों को अपने बैकएंड इंटरनल सिस्टम के माध्यम से राष्ट्र विरोधी और भ्रामक कंटेंट के प्रसार पर सक्रिय रूप से उस पर निगरानी रखने और उसके रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे। विदेशों से संचालित अकाउंट भी कानूनी दायरे में आएंगे।
