आनंद विभोर करने वाला नृत्य है कथक
X
कथक उत्तर भारत का प्रमुख नृत्य है। कहा जाता है कि आज हम जो कथक अपने सांस्कृतिक मंचों पर देख रहे हैं वो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है।
कथक नृत्य पहले देवताओं की प्रसन्नता के लिए मंदिरों में किया जाता रहा है। इसमें नृत्य के माध्यम से विभिन्न कथाओं को भावपूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया जाता है। राजा मानसिंह तोमर संगीत विश्वविद्यालय ग्वालियर के अंतर्गत महादजी चौक पर शासकीय ललित कला संस्थान हैं। यहां विभिन्न कलाओं के साथ नृत्य के प्रसार का काम बखूबी किया जा रहा है। माधव संगीत महाविद्यालय ग्वालियर में उज्जैन से स्थानांतरित होकर आयीं तरुणा सिंह यहां नृत्य संकाय की प्रमुख हैं। उनके लगातार प्रोत्साहन व प्रयास के बाद अब माधव संगीत महाविद्यालय में कथक की लय ताल और पद गूंजते हैं। नृत्यांगना तरुणा सिंह ने यहां कथक के क्षेत्र में न केवल नयी पौध तैयार की है बल्कि यहां कॉलेज की युवतियों को भी कथक कला की ओर मोड़ा है। आज उनसे करीब 250 बालिकाएं व युवतियां कथक का प्रशिक्षण ले रही हैं। वे बताती हैं कि यह आनंद विभोर करने वाली कला है जो नर्तक और दर्शक दोनों को आनंद देती है।
Naveen Savita
Swadesh Contributors help bring you the latest news and articles around you.