550वें प्रकाश पर्व : नगर कीर्तन से जुड़े समारोहों में अकाली दल बादल की भूमिका पर उठाए सवाल
हरसिमरत कौर को बर्खास्त करे मोदी सरकार : परमजीत सरना
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नई दिल्ली। शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के अध्यक्ष और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान परमजीत सरना ने शिरोमणि अकाली दल बादल के नेताओं पर नगर कीर्तन को असफल बनाने बाबत गंभीर आरोप लगाए हैं। सरना ने कहा कि बादलों की भूमिका बेहद नकारात्मक रही, इसके लिए सुखबीर सिंह बादल को फौरन इस्तीफा देना चाहिए। साथ ही सरना ने केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर के इस्तीफे की मांग की है। शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के नेतृत्व में सरहद पार से ऐतिहासिक नगर कीर्तन के सफल आयोजन के बाद स्वदेश लौटकर परमजीत सिंह सरना मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। सरना के मुताबिक ये सफल आयोजन अकाल पुरख की मेहर से मुमकिन हो पाया। हालांकि सरना ने इस पवित्र कार्यक्रम में हर तरह की रुकावटें खड़ी करने की कोशिशों को लेकर बादल परिवार और उनके दिल्ली स्थित बिचौलियों पर कड़ा प्रहार किया।
बता दें कि शिरोमणि अकाली दल दिल्ली प्रधान सरना को बादल परिवार के उकसावे पर 31 अक्टूबर को अटारी/वाघा बॉर्डर पार करने की इजाज़त नहीं दी गई थी।
सरना ने प्रेस कान्फ्रेंस में नगर कीर्तन के अनुभव साझा करते हुए बताया कि किस तरह दिल्ली-ननकाना साहिब नगर कीर्तन के रास्ते में विरोधियों की ओर से कदम-कदम पर रुकावटें खड़ी करने की कोशिशें की गईं। और किस तरह गुरु की संगत ने उन्हें और उनकी पार्टी को ऐसी हर रुकावट से पार पाने का हौसला दिया।
सरना ने कहा कि मेरे छोटे भाई हरविंदर सिंह सरना और मुझे पूर्वाभास था कि बादल, डीएसजीपीसी प्रधान मनजिंदर सिंह सिरसा और उनके लोग रास्ते मे रुकावट पैदा करेंगे। 90 वर्षीय तरलोचन सिंह पंथक नगर कीर्तन के रास्ते में बाधाएं खड़ी करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।" उनका अंदाजा सही नकला।
सिरसा की ओर से शहर में पालकी के लिए नकदी और सोना भी इकट्ठा किया गया। फिर वो पालकी पाकिस्तान के किसी ऐतिहासिक गुरुद्वारे में नहीं बल्कि दिल्ली के श्री नानक प्याऊ साहिब में स्थापित की गई। ये पालकी उस सोने की पालकी से बहुत छोटी थी जो पहले वहां मौजूद थी।" उन्होंने कहा कि नकदी और सोने का हिसाब नहीं देकर श्री अकाल तख्त साहिब की अवहेलना की। ये नकदी और सोना प्रधान और उनके लोगों ने काल्पनिक पालकी के नाम पर गुरु की संगत से एकत्र किया।
सरना ने बादलों और उनके सिरसा जैसे लोगों की ओर से खड़ी की गई रुकावटों का ज़िक्र किया। सरना ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब को ले जा रही बस का रास्ता रोकने की कोशिशों की कड़े शब्दों में निंदा की।
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