विश्व मंच पर पाकिस्तान बेनकाब: पीएम मोदी से मिले विदेश से लौटे सांसद, दुनिया में खोली आतंक की पोल

Pm Modi To Meet All Party Delegation: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार शाम को एक विशेष बैठक की। उन्होंने विदेश से लौटे सभी दलों के नेताओं और सदस्यों से बात की। इन लोगों ने दुनिया को 'ऑपरेशन सिंदूर' और आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख के बारे में बताया था। पीएम मोदी ने उनके साथ डिनर भी किया। 7 टीमों के इस प्रतिनिधिमंडल में कुल 59 सदस्य (51 नेता और 8 राजदूत) थे। ये सभी लोग 33 देशों की यात्रा कर चुके थे। अपनी यात्रा के अनुभव प्रधानमंत्री के साथ साझा किए।
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले सांसद
इस डेलिगेशन का नेतृत्व 7 सांसदों ने किया था। इनमें भाजपा से रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, जदयू से संजय कुमार झा, DMK से कनिमोझी करुणानिधि, NCP (SP) से सुप्रिया सुले और शिवसेना (शिंदे गुट) से श्रीकांत एकनाथ शिंदे शामिल थे।
डेलिगेशन ने दुनिया को दिए 5 अहम संदेश
भारत से गए 7 डेलिगेशन ने अपनी विदेश यात्रा के दौरान दुनिया के सामने 5 मुख्य संदेश रखे, जो आतंकवाद और भारत-पाक संबंधों पर केंद्रित थे
डेलिगेशन ने साफ किया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' आतंकी गुटों और उनके ठिकानों के खिलाफ एक सटीक कार्रवाई थी, जिसमें सिर्फ आतंकी अड्डों को निशाना बनाया गया। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान सेना ने इसे अपने खिलाफ हमला माना और जवाब दिया।
सांसदों ने कुछ सबूत पेश किए, जिनसे यह साबित हुआ कि पहलगाम हमले में पाक समर्थित आतंकी संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF)' का हाथ था। वे पहले हुए आतंकी हमलों से जुड़े पूरे सबूत भी साथ लेकर गए थे।
यह संदेश दिया गया कि भारत ने सैन्य कार्रवाई में भी जिम्मेदारी और संयम दिखाया। यह सुनिश्चित किया गया कि पाकिस्तान के किसी भी बेकसूर नागरिक को नुकसान न पहुँचे।
सांसदों ने उन देशों से अपील की कि वे आतंकवाद के खिलाफ खुलकर आवाज उठाएँ और इससे निपटने के लिए भारत का सहयोग करें। उन्होंने यह भी कहा कि भारत-पाक के विवाद को आतंकवाद के खिलाफ एक युद्ध के तौर पर देखा जाना चाहिए।
डेलिगेशन ने यह स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के खिलाफ भारत का नजरिया बदल गया है। भारत अब सीमा पार से होने वाले खतरे को लेकर चुप नहीं रहेगा बल्कि सक्रिय रूप से आतंकी हमलावरों को पहले ही निष्क्रिय कर देगा।