निजी क्षेत्र के 9 विशेषज्ञों को बनाया सरकारी विभागों में संयुक्त सचिव, जानें
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नई दिल्ली। देश में पहली बार ऐसा हुआ है कि निजी क्षेत्र के 9 विशेषज्ञों को केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में संयुक्त सचिव के पदों पर लगाया गया है। आमतौर पर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा, वन सेवा परीक्षा या अन्य केंद्रीय सेवाओं की परीक्षा में चयनित अधिकारियों को करियर में लंबा अनुभव हासिल करने के बाद संयुक्त सचिव के पद पर तैनात किया जाता रहा है। सिविल सेवा के लिए अभ्यर्थियों को तीन चरणों की सिलेक्शन प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता था।
यूपीएससी की ओर से घोषित परिणाम के अनुसार 9 प्राइवेट सेक्टर के विशेषज्ञों को संयुक्त सचिव बनाया गया है। इनमें अंबर दुबे (सिविल एविएशन), अरुण गोयल (कॉमर्स), राजीव सक्सेना (आर्थिक मामले), सुजीत कुमार बाजपेयी (पर्यावरण, जंगल और जलवायु परिवर्तन), सौरभ मिश्रा (वित्तीय सेवाएं) और दिनेश जगदाले (नई और नवकरणीय ऊर्जा), सुमन प्रसाद सिंह को सड़क परिवहन और हाइवे मिनिस्ट्री में संयुक्त सचिव के तौर पर नियुक्त किया गया है। वहीं, शिपिंग में भूषण कुमार और कृषि, सहयोग एवं किसान कल्याण के लिए कोकली घोष को बनाया गया है।
आपको बताते जाए कि कार्मिक मंत्रालय ने गत वर्ष जून में 'सीधी भर्ती' व्यवस्था के जरिए संयुक्त सचिव रैंक के पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इन पदों के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 जुलाई 2018 थी। इससे सम्बंधित सरकारी विज्ञापन सामने आने के बाद कुल 6,077 लोगों ने आवेदन प्राप्त हुए थे। केंद्र सरकार के इस कदम को प्राइवेट सेक्टर से नौकरशाही में फ्रेश टैलंट को लाने के महत्वाकांक्षी कदम के तौर पर देखा जा रहा है।
Amit Senger
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